ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे का शिकार बेगूसराय के बलिया थाना क्षेत्र के ताजपुर पंचायत के युवक का शव घर पहुंचा. शव के घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. बालासोर रेल हादसे में करीब 293 लोगों की मौत हो गयी थी. इसमें मृतकों में बलिया के ताजपुर पंचायत अंतर्गत ताजपुर गांव के रामप्रवेश यादव के पुत्र राजा कुमार एवं गरीब चौधरी का पुत्र सुजीत कुमार के नाम शामिल हैं. इसमें से एक युवक राजा कुमार का शव सात जून को गांव पहुंचा था, जबकि दूसरे युवक सुजीत कुमार का शव पूरे एक माह बाद घर आया. युवक के शव पहुंचते ही परिजनों के बीच कोहराम मच गया.
ग्रामीणों ने बताया कि एक जून को ही सुजीत गांव के साथी रामप्रवेश यादव के पुत्र राजा कुमार के साथ जमालपुर के रास्ते दो जून की सुबह हावड़ा पहुंचा था, जहां से दोनों युवक कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ कर बेंगलुरु जा रहे थे. बेंगलुरु जाने के क्रम में ही उड़ीसा के बालासोर के समीप दो जून को भीषण रेल हादसा हो जाने के कारण राजा एवं सुजीत दोनों की मौत हो चुकी थी. रेल दुर्घटना की सूचना मिलते ही दोनों युवक के परिजन भी उसकी खोज में उड़ीसा की ओर निकल पड़े थे. काफी खोजबीन के बाद राजा का शव भुवनेश्वर के एम्स में मिला. जबकि सुजीत के शव के दो दावेदार होने के कारण उनके बड़े भाई अजीत कुमार को डीएनए टेस्ट से भी गुजारना पड़ा. डीएनए टेस्ट के रिपोर्ट आने के इंतजार में सुजीत के बड़े भाई अजीत, चाचा विजेंद्र चौधरी एवं चचेरा भाई नीतीश चौधरी को लगभग एक महीना भुवनेश्वर में ही ठहरना पड़ा. लगभग एक माह बाद डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आयी, जिसमें सुजीत एवं उसके बड़े भाई अजीत का डीएनए एक ही पाया गया.
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स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सुजीत अपने माता-पिता के तीन पुत्रों में मांझला पुत्र था. उसकी शादी दो वर्ष पूर्व हुई थी, जबकि उसकी पत्नी बबली कुमारी लगभग छह माह की गर्भवती है. उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के सिर से पिता का साया उठ जाने से उसके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया है.