पटना. प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने चैती छठ व रामनवमी पर्व को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि चैती छठ में नदी घाटों पर एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की तैनाती निश्चित रूप से होनी चाहिए. रामनवमी में मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने से नियंत्रण के लिए मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाये. उन्होंने पटना प्रमंडल के सभी जिलाें के डीएम व एसपी को भ्रमणशील रहने व क्षेत्र का जायजा लेने का निर्देश दिया. क्षेत्रीय पदाधिकारियों को सभी स्टेकहोल्डर्स से सार्थक संवाद कायम रखने को कहा.
कुमार रवि ने कहा कि रामनवमी का त्योहार 30 मार्च को है. चैती छठ 25 मार्च को नहाय -खाय से शुरू होकर 28 मार्च को सुबह के अर्घ के साथ संपन्न होगा. रमजान का महीना भी इस बीच शुरू हो रहा है. चैती छठ के लिए खतरनाक घाटों की जानकारी लोगों को उपलब्ध करा दी जाये. नगर निकायों द्वारा साफ-सफाई व प्रकाश की उत्तम व्यवस्था रहनी चाहिए.
आयुक्त ने कहा कि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व विधि-व्यवस्था के लिए चिह्नित स्थलों पर मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की जाये. सीसीटीवी कैमरा व वीडियोग्राफी के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जाये.उन्होंने सभी सिविल सर्जन को आवश्यक संसाधनों तथा चिकित्सकों के साथ मेडिकल टीम सक्रिय रखने का निर्देश दिया. सभी जिला अग्निशाम पदाधिकारी फायर ब्रिगेड युनिट की व्यवस्था रखेंगे.
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पटना जिला प्रशासन ने पटना शहरी क्षेत्र के गंगा किनारे के 21 घाटों को खतरनाक घोषित किया है. इन घाटों पर चैती छठ करने पर रोक रहेगी. प्रशासन की ओर से खतरनाक घाटों की सूची जारी की गयी है. इसमें एलसीटी घाट, पहलवान घाट, राजापुर पुल घाट, मिश्री घाट, गुलबी घाट, बीएन राय घाट, रौशन घाट, पथरी घाट, कोयला घाट, घसियारी घाट, अदालत घाट, लोहरवा घाट, हनुमान घाट, गोसाई घाट, राजा घाट, बरहरवा घाट, करनालगंज घाट, सोनार घाट, दीघा पोस्ट ऑफिस घाट, बिन्दटोली घाट, दीघा व जहाज घाट (बांध के बगल) में हैं. चैती छठ 25 मार्च से नहाय खाय से शुरू है. चैती छठ करनेवाले 27 मार्च को संध्याकालीन अर्घ व 28 मार्च को प्रात:कालीन अर्घ देंगे.