चीन के बाद अब पाकिस्तान की डिग्री पर बिहार में प्रतिबंध, न नौकरी मिलेगी, न उच्च शिक्षा
चीन के बाद अब पाकिस्तान की डिग्री पर भी भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया है. यूजीसी व एआइसीटीइ ने पब्लिक नोटिस जारी कर कहा है कि पाकिस्तान में किसी भी काॅलेज या शिक्षण संस्थान से शिक्षा ग्रहण करने वालों को नौकरी और आगे की शिक्षा भारत में नहीं दी जायेगी.
मुजफ्फरपुर. चीन के बाद अब पाकिस्तान की डिग्री पर भी भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया है. यूजीसी व एआइसीटीइ ने पब्लिक नोटिस जारी कर कहा है कि पाकिस्तान में किसी भी काॅलेज या शिक्षण संस्थान से शिक्षा ग्रहण करने वालों को नौकरी और आगे की शिक्षा भारत में नहीं दी जायेगी. वहां के किसी भी संस्थान में किसी प्रकार के कोर्स की मान्यता भारत में नहीं दी जायेगी, वहीं प्रवासियों (माइग्रेंट) और उनकी संतानों के लिए भी शर्त रखी गयी है.
बिना नागरिता मान्यता नहीं
पाकिस्तान से शिक्षा हासिल करने वाले प्रवासी या उनके बच्चों को भारत की नागरिकता मिलने के बाद गृह मंत्रालय की अनुमति जरूरी होगी. इसके बाद ही उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए पात्र माने जायेंगे. देश के सभी शिक्षण संस्थानों को कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति पाकिस्तान की डिग्री पर यहां आगे की पढ़ाई करना चाहे ता उसका नामांकन नहीं लें, जबतक उनके पास भारत की नागरिकता और यहां से सुरक्षा मंजूरी नहीं हो.
पहले चीन की मेडिकल व इंजीनियरिंग डिग्री पर किया था अलर्ट
यूजीसी व एआइसीटीइ की ओर से इससे पहले छात्रों को आगाह किया गया था कि चीन से डॉक्टर- इंजीनियर बनने या उच्च शिक्षा हासिल करने के चक्कर में पड़े, तो करियर चौपट हो जायेगा. कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए भारत-चीन की यात्रा पर सख्त प्रतिबंध है. चीन के कई विश्वविद्यालयों ने मेडिकल व इंजीनियरिंग सहित मेडिकल लेवल के कई कोर्स ऑनलाइन चलाने के लिए नोटिस जारी किया है, जो मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अन्य जिलों के युवाओं को लुभा रहे हैं.
नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है चीन
एआइसीटीइ और यूजीसी ने युवाओं को अलर्ट किया है कि रोजगार या उच्च अध्ययन में आगे की समस्याओं से बचने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चुनने में उचित परिश्रम करें. कहा है कि चीन के कुछ विश्वविद्यालयों ने वर्तमान और आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए विभिन्न डिग्री कार्यक्रमों की नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है.
2020 से सभी वीजा निलंबित है
चीन की सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाये हैं और नवंबर 2020 से सभी वीजा निलंबित कर दिये हैं. मौजूदा नियमों के अनुसार यूजीसी और एआइसीटीइ पूर्व अनुमोदन के बिना केवल ऑनलाइन मोड में किये गये ऐसे डिग्री पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं देते हैं.