मुजफ्फरपुर में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक की रोक सूची में शामिल जमीन की रजिस्ट्री में हो रही परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने शनिवार को मीटिंग की. इसमें अपर समाहर्ता, दोनों डीसीएलआर के अलावा जिला अवर निबंधक एवं सभी सीओ शामिल थे. समीक्षा मीटिंग के दौरान लगभग एक लाख खेसरा के रोक सूची में शामिल होने की जानकारी मिली. लेकिन, रिपोर्ट स्पष्ट नहीं होने के कारण डीएम ने सभी अंचलाधिकारी को रजिस्ट्री ऑफिस से उपलब्ध सूची के अनुसार चार अगस्त को होने वाली मीटिंग में विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
डीएम ने कहा है कि रोक सूची में वही जमीन शामिल रहेगी, जो इसके लिए उपयुक्त है. जो जमीन उपयुक्त नहीं है, उसकी समीक्षा कर उन्हें रोक सूची से बाहर करें. रजिस्ट्री के दौरान जो परेशानी होती है. वह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिकंदरपुर मन, खास महाल, धार्मिक न्यास पर्षद, वक्फ बोर्ड व सरकारी जमीन का ब्योरा जुटाते हुए उन्हें रोक सूची में शामिल किया करें.
सिकंदरपुर मन व खासमहाल की जमीन के लिए विशेष निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि उनकी जांच में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. इसकी जमीन हर हाल में रोक सूची में शामिल रहेगी. बाकी जो जमीन है, जो रोक सूची से बाहर रहना चाहिए, वह हर हाल में बाहर ही रखें.
बता दें कि जिले के एक लाख खेसरा रोक की सूची में है. सिकंदरपुर मन, खास महाल, धार्मिक न्यास पर्षद, वक्फ बोर्ड व सरकारी जमीन की रजिस्ट्री पर रोक कायम रहेगी. डीएम ने रजिस्ट्री ऑफिस से उपलब्ध करायी गयी रोक सूची में शामिल खेसरा की रिपोर्ट सभी सीओ से मांगी. इसको लेकर डीएम आगमी चार अगस्त को फिर मीटिंग करेंगे.