सावधान! लाइक व शेयर के चक्कर में खाली हो रहा बैंक एकाउंट,जानें साइबर गिरोह कैसे लगा रहा लोगों को चूना
दिल्ली पुलिस ने शाहदरा निवासी हरीश कुमार, झांसी निवासी विपुल शर्मा, नोएडा निवासी शिव प्रताप और मोहन गार्डन निवासी ओम प्रकाश को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं और इन लोगों के पास रहे बैंक खाते में 60 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी पुलिस को मिली है.
पटना. दिल्ली की साइबर सेल द्वारा पकड़े गये चार साइबर अपराधियों के तार पटना से जुड़ गये हैं. यह गिरोह टेलीग्राम एप के माध्यम से लाइक और शेयर करने के नाम पर ठगी करता है. इन लोगों ने पटना के कई लोगों को लाखों का चूना लगाया है. दिल्ली पुलिस ने शाहदरा निवासी हरीश कुमार, झांसी निवासी विपुल शर्मा, नोएडा निवासी शिव प्रताप और मोहन गार्डन निवासी ओम प्रकाश को गिरफ्तार किया है. इन लोगों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं और इन लोगों के पास रहे बैंक खाते में 60 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी पुलिस को मिली है.
गिरोह का सरगना अभी भी फरार
जांच में यह बात सामने आयी है कि इन लोगों ने वीडियो, रेस्टोरेंट, होटल आदि को शेयर व लाइक करने के नाम पर पटना के कई लोगों से ठगी की है. यह इस बात से स्पष्ट है कि इन लोगों के पास से मिले खाते में पटना से भी पैसे भेजे गये हैं. इन चारों का सरगना अमित है, जो अभी फरार चल रहा है. पकड़े गये शाहदरा निवासी हरीश के खाते को किराये पर लेकर उसमें पैसे मंगाये जा रहे थे. सूत्रों के अनुसार, इन अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने पटना पुलिस से भी संपर्क किया है.
दिल्ली साइबर सेल में की थी शिकायत
पटना पुलिस भी इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ करने के लिए दिल्ली जा सकती है. इस गिरोह को दिल्ली के सागरपुर निवासी आशीष की शिकायत के बाद पकड़ा गया. आशीष ने 23 लाख की ठगी की शिकायत दिल्ली साइबर सेल में की थी. पुलिस ने पहले शाहदरा निवासी हरीश को पकड़ा. क्योंकि इसके ही खाते में रकम गयी थी. इसके बाद हरीश की निशानदेही पर पुलिस ने नोएडा निवासी शिव प्रताप, ओमप्रकाश व विपुल शर्मा को गिरफ्तार किया. विपुल शर्मा ने पूछताछ में बताया कि अमित देश के बाहर के साइबर अपराधियों को देश के खातों का नंबर उपलब्ध कराता है.
चीन के साइबर अपराधियों से जुड़े हैं तार
वीडियो लाइक व शेयर कर पैसे कमाने का पार्ट टाइम जॉब का झांसा देने वाले गिरोह मूल रूप से चीन के हैं. ये चारों दिल्ली में बैठ कर चीन के साइबर अपराधियों को खाता उपलब्ध कराते थे और अपना कमीशन लेकर बाकी पैसे उन्हें भेज देते थे. सरगना अमित व गिरफ्तार विपुल चीन के साइबर अपराधियों को खाता नंबर उपलब्ध करा देते थे और सारा संपर्क टेलीग्राम के माध्यम से होता था. साथ ही ठगी का सारा खेल भी इसी एप के माध्यम से ये लोग करते थे.
पहले देते थे प्रॉफिट और फिर निवेश के नाम पर कर लेते थे ठगी
यह गिरोह किसी को भी वीडियो लाइक या शेयर करने का पार्ट टाइम जॉब करने का झांसा देता है. इसके बाद उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ देता है, जिस पर उन्हें कुछ टास्क दिया जाता है और उसे पूरा करने के बाद दो-चार सौ रुपये प्रॉफिट भी दे देते हैं. लोगों को लगता है कि इस काम में काफी प्रॉफिट है. इसके बाद उनसे पांच हजार रुपये से निवेश कराया जाता है और उन्हें फिर 200 से 400 रुपये का प्रॉफिट दिया जाता है. इसके बाद मोटी रकम का निवेश कराते हैं और ठगी का शिकार बना लेते हैं.