मुजफ्फरपुर: बैंक लोन बकायेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जारी होगा बॉडी वारंट, भेजा जायेगा नोटिस
निर्गत वारंट की प्रति वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आइजी और आयुक्त कार्यालय को भेजी जायेगी. कलेक्ट्रेट सभागार में नीलाम पत्र, आपदा, आंतरिक संसाधन और राजस्व की गुरुवार को हुई बैठक में डीएम प्रणव कुमार ने जिला नीलाम वाद पदाधिकारी को यह निर्देश दिया है
मुजफ्फरपुर: बैंक से लोन लेकर घर बैठने वाले लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गयी है. इसी क्रम में जिले के दस बड़े बकायेदारों पर जल्द ही बॉडी वारंट जारी होगा. निर्गत वारंट की प्रति वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आइजी और आयुक्त कार्यालय को भेजी जायेगी. कलेक्ट्रेट सभागार में नीलाम पत्र, आपदा, आंतरिक संसाधन और राजस्व की गुरुवार को हुई बैठक में डीएम प्रणव कुमार ने जिला नीलाम वाद पदाधिकारी को यह निर्देश दिया है. कहा कि ऐसे बकायेदार, जिनको नोटिस तामिला कराया जा चुका है. शनिवार को भूमि संबंधित निबटारे के लिए लगाये जाने वाले दरबार को नियमित रूप से करने का निर्देश दिया गया.
अनुमंडल पदाधिकारी बाॅडी वारंट संबंधी सभी प्रक्रिया करेंगे सुनिश्चित
अनुमंडल पदाधिकारी को अंचल में सुनिश्चित करना है कि बाॅडी वारंट संबंधी सभी प्रक्रिया और नोटिस का तामिला और क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं. इसके अतिरिक्त नीलाम वादों की अधिक संख्या को देखते हुए अन्य पदाधिकारियों को भी अधिकार देने की बात कही गयी. इसके अलावा डीएम ने आपदा को लेकर सभी अंचल अधिकारियों को गोताखोर की सूची एवं नाव की स्थिति/नाविक से इकरारनामा का रिपोर्ट संपूर्ति पोर्टल पर किये गये कार्यों और भुगतान को अनिवार्य रूप से एंट्री करने का निर्देश दिया. एसीडीसी विपत्र का समायोजन व उपयोगिता प्रमाण-पत्र भेजने के लिए कहा है.
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अंचलाधिकारियों से मांगा गया ब्यौरा
अभियान बसेरा के तहत सर्वेक्षण कार्य में कितनी भूमि प्राप्त कर ली गयी हैं और कितनी शेष है, इसका ब्यौरा अंचलाधिकारियों से मांगा गया. भू-समाधान के तहत लगाये जा रहे जनता दरबार में गुणवत्ता के साथ निर्णय और आदेश पारित कर पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करने के साथ-साथ थाना स्तर पर संबंधित निर्णयों का पंजी संधारण करने का भी निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री जनता दरबार, जिला पदाधिकारी जनता दरबार, सीपी ग्राम से प्राप्त लंबित शिकायतों/पत्रों का एक्शन टेकन रिपोर्ट अविलंब भेजने को कहा गया. डीएम ने कहा कि भू-समाधान के सभी मामले पंजीकृत करें और थाना और अंचल पर अलग-अलग अभिलेख संरक्षित रखें. प्रत्येक माह कम से कम दो प्रतिशत मामले निष्पादित करने का निर्देश दिया गया. बैठक में एडीएम राजस्व संजीव कुमार एवं सभी अंचल अधिकारी उपस्थित थे.