बिहार में अब लोन या सरकारी राशि लेकर घर बैठने वाले की खैर नहीं है. ऐसे बकायदारों की सूची बनेगी. नीलामवाद के निष्पादन में तेजी लाने के लिए नीलाम पत्र पदाधिकारियों को सख्ती से वसूली कराने को कहा गया है. जिला नीलाम पदाधिकारी ने सभी नीलामवाद पदाधिकारियों को 20 बड़े बकायेदारों की सूची तैयार करने को कहा है. वैल्यू एमाउंट के आधार पर बकायेदारों की सूची घटते हुए क्रम में देना है. दरअसल, प्रमंडलीय आयुक्त इसकी समीक्षा करने वाले हैं. पिछली बैठक में खनन, विद्युत आदि विभागों में बड़े बकायदारों पर शिकंजा करने के लिए कहा गया था.
बता दें कि बिहार में बड़ी संख्या में ऐसे लोन धारक हैं जो बैंक से लोन लेने के बाद भुगतान नहीं कर रहे हैं. इससे लेकर बैंक अब रिकवरी के लिए सख्त कदम उठाने वाला है. अधिकतम दो सुनवाई के बाद बकायेदारों को दफा-7 में नोटिस निर्गत करने की बात कही गयी थी. इसके बाद चेतावनी भेजते हुए वारंट निर्गत करना था. नोटिस में 15 दिनों का समय देना था, जिसमे पार्टी आकर अपना आपत्ति दर्ज करेगी. अंतिम रूप से समय समाप्ति के बाद बकाएदारों की अचल संपत्ति नीलाम कर बकाये की राशि वसूल की जाती है.
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हर माह एक लाख से ऊपर वाले बकायेदारों को चिह्नित करते हुए तत्काल वसूली करनी है. इसकी प्रत्येक माह समीक्षा की जायेगी. इसकी सूची उपलब्ध कराते हुए पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. सभी नीलाम पत्र अधिकारियों के माध्यम से सप्ताह वार वादों का संचालन कराते हुए नोटिस निर्गत करने, सुनवाई करने एवं वसूली सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है. वरीय पदाधिकारियों को कहा गया कि वे संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित करते हुए लंबित नीलाम पत्र वाद के निष्पादन में ठोस कार्रवाई करें.