बिहार के कबड्डी चैंपियन बेटे को मां ने दे दी अपनी किडनी, फिर भी नहीं बच सकी 20 साल के प्रभुनाथ की जान

बिहार के बांका निवासी एक कबड्डी चैंपियन की किडनी खराब हुई तो मां ने बेटे को किडनी डोनेट कर दी. लेकिन तब भी बेटे की जान नहीं बच सकी.

By ThakurShaktilochan Sandilya | June 21, 2024 11:57 AM

बिहार में कबड्डी का एक चैंपियन जिंदगी की जंग लड़ता रहा. कबड्डी के खेल में तो वो चैंपियन रहा लेकिन बेहद छोटी सी उम्र में ही वो जिंदगी की जंग हारकर इस दुनिया से चला गया. जिला स्तर पर जिस लड़के ने अपने खेल की कला से सबका सिर ऊंचा किया और अब उसे लोग आगे बढ़ते देखना चाहते थे, वो किसी और दुनिया में खो चुका है. कुर्माडीह गांव निवासी जिला कबड्डी चैंपियन प्रभुनाथ कुमार सिंह (20) किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. उनकी मां ने अपनी किडनी बेटे को डोनेट की थी लेकिन कोई भी प्रयास सफल नहीं हो सका और प्रभुनाथ की मौत हो गयी.

कबड्डी चैंपियन प्रभुनाथ की किडनी हुई फेल

बांका जिले के शंभुगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुर्माडीह गांव निवासी जिला कबड्डी चैंपियन प्रभुनाथ कुमार सिंह (20) आखिरकार अपनी जिंदगी की जंग हार गये. वो पांच माह पूर्व ही अस्पताल से अपनी मां से किडनी ट्रांसप्लांट कराकर घर लौटे थे. जानकारी के अनुसार कुर्माडीह गांव के पवन कुमार सिंह के छोटे पुत्र प्रभुनाथ कुमार सिंह जिला कबड्डी चैंपियन थे. प्रभुनाथ की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. जांच में पता चला कि उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है. परिवारजनों ने इलाज भी कराया और अंत में तय हुआ कि किसी को अपनी किडनी डोनेट करनी होगी तभी प्रभुनाथ के जिंदा रहने की उम्मीद रहेगी.

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मां ने डोनेट की किडनी, 5 महीने तक रहा स्वस्थ..

अपने बेटे को नयी जिंदगी देने का फैसला मां ने किया और रंजू देवी ने अपने पुत्र प्रभुनाथ को बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी. मां ने बेंगलुरु के एक अस्पताल में अपनी किडनी ट्रांसप्लांट कर अपने पुत्र प्रभुनाथ की जिंदगी को बचा लिया था.अस्पताल से आने के 5 माह बाद तक प्रभुनाथ घर में बिल्कुल ठीक-ठाक रहे. इसी बीच 10 दिन पुन: उनकी तबीयत खराब हुई. जिसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए भागलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां चिकित्सक ने दो दिन तक इलाज करने के बाद स्थिति में सुधार होते नहीं देख बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया.

बेटा दुनिया से गया, मां के नहीं थम रहे आंसू

इस दौरान बुधवार की देर रात इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी. घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया. मृतक चार भाइयों में सबसे छोटा था. जिसके कारण वह घर के सबसे दुलारे थे. इस घटना के बाद उसकी मां और पिता पवन कुमार सिंह का रो-रो कर बुरा हाल है. मां कह रही है कि अपने पुत्र को बचाने के लिए उन्होंने अपना किडनी तक ट्रांसप्लांट कर उसे दे दिया. बावजूद भगवान ने एक मां से कलेजे के टुकड़े को छीन लिया. इनके निधन से कबड्डी खिलाड़ी जगत में भी शोक का माहौल है.

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