पशुपालकों के माथे पर चिंता की लकीरें

जिले में अब भी पांच लाख पशु टीकाकरण से वंचित टीकाकरण से वंचित पशुओं में गलाघोंटू व लंगड़िया बीमारी का बढ़ा खतरा बांका : बरसाती मौसम के साथ ही पशुओं में जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इससे पशुपालक में गहरी चिंता व्याप्त है. जिले में अबतक एचएसबीक्यू टीकाकरण अभियान नहीं चला है. नतीजतन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2017 5:20 AM

जिले में अब भी पांच लाख पशु टीकाकरण से वंचित

टीकाकरण से वंचित पशुओं में गलाघोंटू व लंगड़िया बीमारी का
बढ़ा खतरा
बांका : बरसाती मौसम के साथ ही पशुओं में जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इससे पशुपालक में गहरी चिंता व्याप्त है. जिले में अबतक एचएसबीक्यू टीकाकरण अभियान नहीं चला है. नतीजतन दुधारू पशुओं में गलाघोंटू व लंगड़िया बीमारी होने का डर है. पशुपालकों की मानें तो अबतक एचएसबीक्यू का टीका पशुओं को लग जानी थी. लेकिन, टीकाकरण अभियान का कोई अता-पता नहीं चल रहा है. दूसरी ओर विभाग अधिकारी ने वैक्सिन उपलब्ध नहीं होने की बात कह हाथ खड़े कर दिए हैं.
आवंटन मिलते ही जगह-जगह टीकारण कराने की बात कही. पशुपालकों का कहना है की टीका के इंतजार में बीमारी नहीं रुकेगी. दोनो ऐसी घातक बीमारी है, जो पशुओं का जान लेकर ही छोड़ती है. इसीलिए पशुपालकों ने यथाशीघ्र टीकारण अभियान चलाने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक पांच लाख अधिक पशुओं को विभाग के माध्यम से यह टीका लगाई जाती है. पशु वैज्ञानिक की मानें तो गलाघोंटू व लंगड़िया बीमारी के कई लक्षण समान पाए जाते हैं. एचएसबीक्यू वैक्सिन से इन बीमारीयों का खतरा समाप्त हो जाता है.
बरसात के मौसम में गलाघोंटू व लंगड़िया बीमारी घातक साबित होती है. ऐसी बीमारी से पशुओं की जान 24 घंटे के अंदर भी जा सकती है. इसीलिए समय पर पशुओं को एचएसबीक्यू टीका लगवाना सुनिश्चित करें. खासकर पशुओं को धूप में कतई न रखें. समय-समय पर शुद्ध पानी पिलाएं. गोशाला को पूर्ण रूप से साफ-सुथरा बनाएं रखें. ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराएं. बरसाती मौसम में कृमि बीमारी का भी खतरा रहता है. इसीलिए पशुपालक बीमारी का लक्षण दिखते ही अविलंब उपचार कराएं.
डाॅ धर्मेंद्र, वैज्ञानिक केवीके
विभाग से अबतक एचएसबीक्यू वैक्सिन का आवंटन नहीं आया है. जल्द वैक्सिन उपलब्ध हो जायेगी. इसके बाद पशुओं को यह टीका लगा दिया जाएगा. विभाग पशुओं को होने वाली बीमारी के उपचार के लिए सक्षम है. पशुपालकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
डाॅ सुरेश प्रसाद सिंह, जिला पशुपालन पदाधिकारी, बांका

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