बांका : सरकारी राशि का बेजा इस्तेमाल का काला अध्याय 2009 से लेकर 13 तक लिखा गया. तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर ने शातिराना ढंग से सरकारी राशि गबन की चाल चली थी. अलबत्ता, उन्होंने ने जिला से बाहर यानि भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा व इंडियन बैंक में विभाग का दो खाता खुलवाया. यहीं से शुरू हुआ आर्थिक अपराध का पहला अध्याय. अगर भ्रष्टाचार की काली किताब का पन्ना दर पन्ना पलटें तो दिमाग भी हैरान हो जायेगा.
जानकारी के मुताबिक करीब 24 सीरीज की 40 फर्जी चेक से करोड़ों की राशि नियम को सूली चढ़ाकर निकाली गयी थी. इस प्रकरण में तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी के साथ भागलपुर बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक प्रबंधक व सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड का पूरा कुनबा संलिप्त था. शनिवार को ही जांच में यह साबित हो गया था कि 2009 से ही राशि की गलत तरीके से निकासी व जमा की प्रकिया शुरू की गयी थी. लिहाजा,
जिला प्रशासन ने देरी न करते हुए बांका थाना में सभी आरोपिताें के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज करा दी. जांच के क्रम में कई और गंभीर उद्भेदन अभी शेष है. फिलहाल पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन की टीम इसकी छानबीन में जुट गयी है. वहीं दूसरी ओर बांका में सृजन घोटाले की चिंगारी भड़कते ही प्रत्येक विभाग में बौखलाहट दिख रही है.