बांका : सात घंटा लगातार हुई मूसलधार बारिश ने पूरे शहर को डर के अंधकार में धकेल दिया था. इधर चांदन नदी का बांध टूटने की बात सुन कर शहर की स्थिति और भी ज्यादा भयावह हो गयी थी. एकाएक वर्ष 1995 बाढ़ की याद आने लगी. हालांकि प्रशासन की तत्परता से बांध को पुरी तरह टूटने से बचा लिया गया. परंतु सात घंटे हुई बारिश ने 70 साल की आजादी पर सवालिया निशान छोड़ दिया. जानकारी के मुताबिक शहर में ड्रेनेज सिस्टम अभी तक दुरुस्त नहीं हो पायी है.
जल निकासी का इंतजाम यहां ग्रामीण क्षेत्र से भी ज्यादा खराब बतायी जा रही है. ज्ञात हो कि बांका नगर पंचायत अब नगर परिषद बन चुका है. परंतु इस लिहाज से यहां का इंतजाम वार्ड स्तर का भी नहीं हो पाया है. एक दिन के कुछ घंटे हुई बारिश ने घर-घर को परेशानी में डाल दिया. यदि यह बारिश कई दिनों तक इसी रफ्तार में होती तो स्थिति का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है.