धरने पर बैठी प्रेमिका ने जीती प्यार की जंग, प्रेमी संग हुई शादी
बांका (शंभुगंज) : बिहार के बांका में गुरुवार की शाम से ही दिन रात करीब 36 घंटा तक लगातार प्रेमी को पति के रूप में पाने के लिए प्रेमी के घर के बाहर दरबाजे पर धरना व अनशन पर बैठी प्रेमिका ने आखिरकार प्यार की जंग जीत ली. समाज के लोगों ने धरना पर बैठी […]
बांका (शंभुगंज) : बिहार के बांका में गुरुवार की शाम से ही दिन रात करीब 36 घंटा तक लगातार प्रेमी को पति के रूप में पाने के लिए प्रेमी के घर के बाहर दरबाजे पर धरना व अनशन पर बैठी प्रेमिका ने आखिरकार प्यार की जंग जीत ली. समाज के लोगों ने धरना पर बैठी लड़की के जजबे को सलाम कर उसके प्रेमी और उसके परिजनों को मनाकर शादी कराने का फैसला लिया.
जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के मिर्जापुर पंचायत के गोपालपुर गांव में सुरज कुमार पिता संजय मंडल को अपना प्रेमी बताते हुए उससे शादी करने की जिद्द पर मुंगेर जिला के खड़िया गांव निवासी सविता कुमारी पिता अशोक सिंह उसके घर के बाहर दरबाजे पर गुरुवार की शाम से ही धरना पर बैठ गयी थी. इस दौरान लड़की के रुख को देखकर लड़के के घर वाले अपने घर में ताला लगाकर फरार हो गयी. प्रेमी के फरार होने के बाद धरना पर बैठी प्रेमिका ने वहां जमकर हाय वोल्टेज ड्रामा किया था.
इस दौरान कभी लड़की किसी के छत पर चढ़कर जान देने की धमकी देती थी तो कभी बिजली की पोल पर चढ़कर करंट से मौत को गले लगा लेने की धमकी देती थी. घटना के बाद ग्रामीणों की सूचना पर गोपालपुर पहुंचे लड़की के परिजनों ने भी धरना व अनशन पर बैठी लड़की को समझाने की कोशिश की. लेकिन, अपने प्रेमी सूरज से बिना शादी के कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे.
धरना पर बैठी लड़की का स्पष्ट कहना था कि अगर शादी नहीं हुई तो वो यहां से जिंदा नहीं जा सकती. लड़की का कहना था कि सुलतानगंज में लॉज में रहकर पढ़ाई करने के दौरान ही सूरज कुमार से दोस्ती से प्यार हो गया था. जहां शादी का झांसा देकर वो दो वर्षों तक उसका यौन शोषण करता रहा. लेकिन, शादी करने के बजाय उन्हें छोड़कर वहां से भाग निकला. जिसके कारण उसे प्रेमी को पति रूप में पाने के लिए धरना पर बैठना पड़ा. लड़की इंटर पास है तो उसका प्रेमी सुरज कुमार स्नातक की पढ़ाई कर रहा है.
इस बीच पुलिस ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर प्रेमिका को समझाने की कोशिश की, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुई. बाद में जब महिला पुलिस के साथ शंभुगंज पुलिस गांव पहुंची तब तक ग्रामीणों के सहयोग से प्रेमी-प्रेमिका की शादी कराने का फैसला हो गया था.