हिंदू धर्म के संस्कार और संस्कृति में भारी गिरावट : गिरिराज सिंह

बांका (बौंसी): बिहार-झारखंड सीमा पर अवस्थित शिव-पार्वती धाम में सोमवार से पांच दिवसीय रुद्राक्ष महाभिषेक यज्ञ का विधिवत उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, धन्वंतरि पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 सुरेशानंद जी सरस्वती, श्रद्धेय श्री रंगानाथाचार्य जी महाराज, राजसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, पूर्व सांसद पुतुल कुमारी, विधायक मनीष कुमार, धर्म जागरण समन्वय के सूबेदार जी, आदिवासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2017 9:52 PM

बांका (बौंसी): बिहार-झारखंड सीमा पर अवस्थित शिव-पार्वती धाम में सोमवार से पांच दिवसीय रुद्राक्ष महाभिषेक यज्ञ का विधिवत उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, धन्वंतरि पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 सुरेशानंद जी सरस्वती, श्रद्धेय श्री रंगानाथाचार्य जी महाराज, राजसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, पूर्व सांसद पुतुल कुमारी, विधायक मनीष कुमार, धर्म जागरण समन्वय के सूबेदार जी, आदिवासी गुरुमाता रेखा हेम्ब्रम सहित अन्य ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर दस जिलों से आये लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासियों व हिंदुओं को कुछ लोग धन का प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रहे हैं. हिंदू धर्म के संस्कार और संस्कृति में भारी गिरावट आ गयी है. यह गिरावट समाज में अग्रणी कहलाने वाले लोगों से आया है. पश्चात्य संस्कृति पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमारी संस्कृति नहीं है. जब तक हम अपनी संस्कृति को नहीं अपनाएंगे तबतक धर्मांतरण भी नहीं रुक सकेगा.

रुद्राक्ष को धारण करना होगा:महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद जी महाराज
परमसंत श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कुत्ता पागल हो जाये, तो उसका ताड़ण करना ही पड़ता है. रुद्राक्ष की महत्ता को बताते हुए कहा कि ताड़का सुर के वध के बाद भगवान की आंखों में क्रोध से आंसु आ गये थे. उसी अश्रु से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है. इसका वर्णन पुराणों में है. संस्कृति को बचाने के लिए धर्मांतरण को रोकना होगा और रुद्राक्ष को धारण करना होगा.

मंदराचल की धरती देवताओं की धरती:स्वामी रंगनाथाचार्य जी
स्वामी रंगनाथ जी ने कहा कि वेदों को संरक्षित करने के लिए गांव और जंगलों की ओर लौटना होगा. यही वजह है कि जंगलों से घिरे इस वनवासी इलाके को इस महायज्ञ के लिए चुना गया है. मंदराचल की धरती देवताओं की धरती रही है. इसके मंथन से काफी मात्रा में रत्न निकले थे. आज इस मंच से भी आधा मंथन आरंभ हो गया है. उन्होंने कहा कि आज जरूरत है धर्म नेता और राजनेता दोनों मिलकर आगे आयें और बड़े पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए संकल्पित हों.

भगवान शंकर दलितों, पिछड़ों और गरीबों के देवता:सूबेदार सिंह
धर्म जागरण समन्वय के क्षेत्र प्रमुख सूबेदार सिंह ने कहा कि भगवान शंकर दलितों, पिछड़ों और गरीबों के देवता माने जाते हैं. यही वजह है कि बिहार और झारखंड के पांच-पांच जिले जहां आदिवासियों की संख्या बहुतायत है. भगवान विरसा मुंडा ने उस वक्त काफी आदिवासियों की घर वापसी करवायी थी, जो लोग दूसरे धर्म अपना चुके थे. स्वामी संत रविदास ने 34 हजार क्षत्रियों की घर वापसी करायी थी. उन्होंने बताया कि वनवासी गुरुकुल संस्कृति को अपनाते हैं, विधर्मी बनना स्वीकार नहीं करते थे, इसलिए वे वनों में रहते थे. चार नवंबर को कुछ लोगों के द्वारा षड‍्यंत्र के तहत कार्यक्रम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गयी थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाये.

मंदार साक्षात शिव का प्रतीक है:पूर्व सांसद पुतुल कुमारी
पूर्व सांसद पुतुल कुमारी ने कहा कि मंदार साक्षात शिव का प्रतीक है. अब भगवान शंकर इस क्षेत्र के लिए प्रसन्न हो गये हैं. इससे मंदार और बांका जिले का विकास होगा. राजनीतिक पार्टियां व नेता जात-पात की राजनीति, तुष्टिकरण व वोटों के लिए लोगों को बांट रहे हैं. अगर अब भी हम नहीं जागेंगे तो सिमट जायेंगे. हिंदू धर्म का अस्तित्व खतरे में है. उन्होंने कहा कि आज गर्व से कहने की जरूरत है कि हम हिंदू हैं.

हिंदू समाज शांतिप्रिय व सीधे-सादे हैं:राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य सभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां पिछले 50 वर्षां से वोट के लिए अपनी रोटी सेंक रही हैं. इसे दूर करने के लिए धर्म जागरण पूरे बिहार में लोगों को जगाने की मुहिम छेड़ रही है. बिहार में 35 सौ मठ हैं और दस हजार पुजारी हैं. अगर यह जाग जायें तो कोई हमारा धर्म परिवर्तित नहीं कर सकता. हिंदू समाज शांतिप्रिय व सीधे-सादे हैं. हमारी परंपराएं वेदों से हैं. हमारे सीधेपन का फायदा दूसरे धर्म के लोग उठा लेते हैं. जबतक देश से जाति की राजनीति खत्म नहीं होगी तबतक यह सब होता रहेगा.

वहीं भाजयुमो के जिलाध्यक्ष देवाशीष पांडेय ने अपने स्वागत भाषण में सबसे पहले मंच से भारत माता की जय के नारे लगाये एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि मंदराचल की पावन धरती श्री रुद्राक्ष महाभिषेक यज्ञ जैसे आयोजन से और भी पवित्र हो गयी है. यहां के प्रत्येक मानव अपने को धन्य मान रहे हैं.

रुद्राक्ष अभिषेक में कौन-कौन थे उपस्थित

इस अवसर पर पूर्व विधायक किशोर मुन्ना, इंजिनीयर शैंलेंद्र, धर्म जागरण दक्षिण बिहार के प्रांत संयोजक प्रदीप सिंह, प्रांत सह संस्कृति प्रमुख दिलीप राय, प्रदेश क्रीड़ा मंच के मनोज यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष विकास सिंह, उपाध्यक्ष विक्की मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह, चंदन सिंह, उत्तर बिहार के अवधेश यादव, भागलपुर के विभाग संयोजक दिनेश सिंह, आरएसएस के शिवमूर्ति, सह प्रांत संयोजक मिथलेश भगत, प्रचारक रामाशंकर सिंहा, विभाग कार्यवाह विजय कुमार, विनोद जी, धर्म जागरण के संस्कृति प्रमुख भरत सिंह, विनोद सम्राट, रोहित पांडेय, विनोद यादव, शिव अग्रवाल, प्रदीप जायसवाल, नीलम सिंह, प्रशांत विक्रम, हरेंद्र सिंह, श्याम सिंह, मृणाल शेखर, रासमोहन ठाकुर, राजू सिंह, शिवकुमार साह, निखिल बहादूर सिंह, ब्रजकिशोर सिंह, कल्याण सिंह, प्रखंड भाजपाध्यक्ष वंटी पाठक, पूर्व जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह, निक्की हेम्ब्रम, बबलू मिश्रा, महादेव शर्मा, दिवाकर साह, रणवीर यादव, गणेश मुर्मू, दिलीप सर्राफ, मनोज बाबा, खीरो यादव, राजाराम यादव, निरंजन प्रमाणिक सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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