वक्त साथ देता, तो और पड़ते वोट

बांकाः कंट्रोल रूम से घंटे-दर-घंटे मतदान के प्रतिशत का पूर्वाह्न् का अपडेट निराशा का भाव उत्पन्न कर रहा था. उसकी वजह की तलाश विभिन्न मतदान केंद्रों पर जाने और आखिरकार दोपहर करीब दो बजे तब पूरी हुई, जब लगभग 100 गाय व बैलों को चराते दो बुजुर्ग सुखदेव यादव व ईश्वर यादव से कटिया पुनसिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2014 4:14 AM

बांकाः कंट्रोल रूम से घंटे-दर-घंटे मतदान के प्रतिशत का पूर्वाह्न् का अपडेट निराशा का भाव उत्पन्न कर रहा था. उसकी वजह की तलाश विभिन्न मतदान केंद्रों पर जाने और आखिरकार दोपहर करीब दो बजे तब पूरी हुई, जब लगभग 100 गाय व बैलों को चराते दो बुजुर्ग सुखदेव यादव व ईश्वर यादव से कटिया पुनसिया दियारा में मुलाकात हुई. पेट की खातिर वे गायों को चराने के लिए आने के कारण मतदान नहीं कर पाये. यही नहीं, इवीएम की खराबी, नक्सलियों का खौफ व कड़ी धूप ने बड़ी संख्या में मतदाताओं को घर से निकलने नहीं दिया.

कटिया पुनसिया दियारा में गाय चरा रहे सुखदेव यादव का कहना था कि इन 100 गायों व बैलों को चार धोरई (पशुपालक) मिल कर चराते हैं. आज उन चारों धोरई को वोट डालने के लिए जाना था. लिहाजा उन चारों के बदले उन्हीं दो बुजुर्गो को पशु चराने के लिए आना पड़ा. अगर नहीं आते, तो पशुओं को भूखा रहना पड़ जाता. यही स्थिति कई मजदूरों व किसानों की भी दिखी.

दूसरी ओर देखें, तो नक्सल प्रभावित इलाके में भी शांतिपूर्ण ढंग से मतदान संपन्न हुआ, पर चानन के 229 व 230 नंबर नक्सल प्रभावित बूथ पर नक्सलियों का खौफ इस कदर मतदाताओं पर हावी था कि इन दोनों बूथों पर महज आठ मतदाता ही मतदान करने की जहमत उठा सके. 28 बूथों पर इवीएम की खराबी के कारण इवीएम बदलने तक मतदान शुरू होने में काफी विलंब हो गया. यह 28 बूथों पर इवीएम के खराब होने की पुख्ता खबर है, जबकि इससे अधिक स्थानों पर इवीएम खराब होने के कारण मतदान विलंब से शुरू होने की धटना से इनकार नहीं किया जा सकता.

Next Article

Exit mobile version