समाहरणालय गेट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे दंपती
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बेटा-बहू ने घर से निकाला, मांग रहे न्याय की भीख
समाहरणालय गेट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे दंपती बांका : शहर के विजयनगर वार्ड 19 के निवासी प्रमोद झा एवं उनकी पत्नी ने पुत्र व पुत्रवधू के द्वारा मारपीट कर प्रताडित करते हुए घर से बाहर कर देने के एक मामले में समाहरणालय गेट पर शुक्रवार को भूख हड़ताल कर प्राण त्यागने की बात […]
बांका : शहर के विजयनगर वार्ड 19 के निवासी प्रमोद झा एवं उनकी पत्नी ने पुत्र व पुत्रवधू के द्वारा मारपीट कर प्रताडित करते हुए घर से बाहर कर देने के एक मामले में समाहरणालय गेट पर शुक्रवार को भूख हड़ताल कर प्राण त्यागने की बात कही. इसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को एक आवेदन देकर इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय की गुहार लगायी है.
डीएम को दिये गये आवेदन में उन्होंने कहा है कि उसकी पत्नी हृदय रोग से पीड़ित है. पुत्री के घर शरण लेकर जिल्लत की जिंदगी जी रहे हैं. उन्होंने आवेदन में कहा है कि न्याय नहीं मिला तो भूखे प्यासे रहकर प्राण त्याग देंगे. इस आशय का पत्र उन्होंने सीएम, मानवाधिकारी आयोग, एसपी, एसडीपीओ व थानाध्यक्ष को भी दिया है. उधर इस मामले के प्रतिपक्ष प्रमोद झा के पुत्र आकाश कुमार ने परियोजना प्रबंधक महिला हेल्प लाईन को एक आवेदन देकर पूरे मामले को मनगढ़त बताया है.
उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि प्रमोद झा के बड़े भाई स्व. गणपत झा है. उन्हें कोई संतान नहीं होने के कारण मैं उनका भी दत्तक पुत्र हूं, मुझे चार बहन है. पिताजी बहन के बहकाबे में आकर अक्सर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है. बहन के बहकाबे में आकर उनकी मंशा स्व गणपत झा की शहर स्थित मकान को हड़पने पर टिकी हुई है. चूंकि मैं स्व. गणपत झा के भरण पोषण व श्राद्धकर्म को भलीभांति एक पुत्र के नाते निर्वहन किया था. जिनके कारण उनके मकान में मैं और मेरी पत्नी व बच्चे रह रहे हैं.
जहां अभिभावक के तौर पर स्व गणपत झा की पत्नी सरस्वती देवी भी रह रही है. यहां प्रमोद झा की नजर सरस्वती देवी के मरणोपरांत शहर वाली मकान को अपने कब्जे में ले लेने की है. इस बात को लेकर परिवारिक विवाद होता आ रहा है. जिसके कारण पिताजी प्रमोद झा मेरे ऊपर कई बार नालसी, 107 व तरह तरह का मुकदमाबाजी कर मुझे परेशान कर रहे हैं. ताकि मैं बड़ी मां सरस्वती देवी की मकान को खाली कर दूं. उन्होंने आगे कहा है कि पूर्व में कभी भी पिताजी प्रमोद झा इस मकान में नहीं रहते थे. न ही उनका कोई कब्जा है. बावजूद षडयंत्र के तहत मुझे इस मामले में घसीटा जा रहा है. आवेदक ने एसडीओ, थाना आदि जगहों पर आवेदन देकर मामले में उचित न्याय की अपील की है.
उधर इस मामले को लेकर डीएम ने एसडीओ व महिला हेल्प लाइन के परियोजना प्रबंधक को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही.
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