वनवासी लगातार कर रहे हैं वन क्षेत्र की जमीन पर कब्जा

नहीं हो रही कार्रवाई. अतिक्रमणकारियों का बढ़ा मनोबल जंगली क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमित बांका : सूबे की सरकार वन क्षेत्र को विकसित कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रखी है. परंतु सरकार की इस महत्वाकांक्षी नीति पर वनवासी अतिक्रमणकारियों की कुदृष्टि पड़ गयी है. जिले के कमोबेश सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 5:54 AM

नहीं हो रही कार्रवाई. अतिक्रमणकारियों का बढ़ा मनोबल

जंगली क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमित
बांका : सूबे की सरकार वन क्षेत्र को विकसित कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रखी है. परंतु सरकार की इस महत्वाकांक्षी नीति पर वनवासी अतिक्रमणकारियों की कुदृष्टि पड़ गयी है. जिले के कमोबेश सभी वन क्षेत्र में विभागीय जमीन पर अवैध कब्जा चरम पर है. न केवल जमीन को हथिया रहे हैं, बल्कि उसपर झोपड़ी भी डाल रहे हैं. विगत दिनों दुधारी वन समिति के सदस्यों ने डीएम को इस संबंध में जानकारी देते अतिक्रमण मुक्त जंगल का अनुरोध किया. बताया गया कि पुनर्वास से दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित जंगल के बीचो-बीच करीब सौ एकड़ जमीन पर अवैध झोंपड़ी निर्माण के साथ खेती के लिए जमीन दखल कर ली गयी है. यही नहीं झोपड़ी को स्थायी रूप देने की भी कोशिश चल रही है.
जानकारी मिली की आसपास के ही गांव के कुछ अतिक्रमणकारी एक सोची-समझी साजिश के तहत जमीन को अतिक्रमित कर रहे हैं. जबकि इन्हीं के बहकावे में आकर कुछ ग्रामीण भी इस चक्रव्यूह में फंस रहे हैं. लिहाजा, कार्रवाई नहीं होने की सूरत में अतिक्रमणकारी का तेवर बढ़ा हुआ है. झोपड़ी बनाने के सिलसिले में जंगल में लगे हरे वृक्ष को भी काटा जा रहा है. कुछ लोगों की मानें तो जंगल में लगे पेड़ को काटकर अवैध रूप से बिक्री भी की जाती है. इसमें माफिया की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक यह केवल दुधारी क्षेत्र की ही स्थिति नहीं है. जानकारों की मानें तो वन क्षेत्र का हजारों एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है. जिसपर संबंधित विभाग मौन बनी बैठी है. अगर इस अपराध पर प्रारंभ में ही कार्रवाई नहीं हुयी तो भविष्य में विभाग के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है.
बैनर के माध्यम से चलाया सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का अभियान
अवैध झोंपड़ी निर्माण के पीछे एक खास रणनीति काम कर रही है. झोंपड़ी के ठीक बगल में जन अधिकार रक्षा मंच बिहार का बैनर इसकी रणनीति को बताने के लिए काफी है. एक वनवासी के मुताबिक बैनर के माध्यम से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का अभियान छेड़ा गया है. बैनर के नीचे ओर निवेदक सहित अन्य पता संबंधित अंकित शब्द को पेंट से पोत दिया गया है. ताकि अधिकारी को इसका रहस्य मालूम न चल सके.
आदिवासी महिला वन गश्ती दल सुस्त
कुछ वर्ष पहले वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण जोर-शोर से चला था. जगह-जगह अवैध झोपड़ी बना दी जा रही थी. परंतु वन विभाग की गठित महिला वन गश्ती दल ने अपने कड़े तेवर के साथ अवैध झोपड़ी को हटाने का सघन अभियान चलाया था. जिससे काफी सफलता मिली थी. पंरतु बीते कई वर्ष से महिला वन गश्ती दल की कार्रवाई सुस्त पड़ गयी है. जरुरत है कि पुन: महिला वन गश्ती दल को सशक्त कर अभियान छेड़ने की.
क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग में पुलिस बल की कमी है. डीएम-एसपी से पुलिस बल मुहैया कराने के संबंध में लिख गया है. जैसे ही पर्याप्त संख्या में जवान उपलब्ध हो जाता है, वैसे ही विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरु हो जायेगी. विभागीय स्तर से वन क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है.
शशिकांत, डीएफओ, बांका

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