बांका : सरकार भले ही बिहार को दहेज मुक्त के अभियान में लाखों-करोड़ों खर्च रही है. लेकिन, दहेज सुरसा की तरह मुंह फैलाता ही जा रहा है. दहेज में एक लाख रुपये नगद, सोने की सिकरी व अंगूठी नहीं मिलने पर संग्रामपुर स्थित रामधीन भगत स्मृति भवन में आयोजित शादी समारोह में बुधवार की रात वरमाला की रश्म तो अदा की गयी. हालांकि, सिंदूरदान से पूर्व ही दुल्हा रफूचक्कर हो गया. जिससे खुशी का माहौल गम में बदल गया और मामला थाने पहुंच गया. किंतु लड़की की शादी नहीं हो पायी.
बुधवार की रात रामधनी भगत स्मृति भवन में वर-वधू द्वारा शादी समारोह की रश्म की तैयारी चल रही थी. बरात भी डीजे की धुन पर वधू पक्ष के घर पहुंची. वहां समधी मिलन के साथ ही वरमाला का भी रश्म पूरा किया गया. उसके बाद शादी के लिए वर-वधू को मंडप पर बुलाया गया. जहां लड़की तो पहुंची, लेकिन लड़का फरार हो गया. वर पक्ष द्वारा वधू पक्ष से एक लाख रुपये नकद, सोने की सिकरी एवं अंगूठी की मांग की गयी. वधू पक्ष द्वारा असमर्थता जताये जाने के कारण दुल्हा नाराज होकर चुपके से भाग निकला.
बताया गया कि बांका जिले के बेलहर थाना अंतर्गत खसिया गांव निवासी सुरेंद्र भगत के पुत्र रणजीत की शादी पश्चिम बंगाल के बराकर जिले के वर्द्धमान निवासी मुरली भगत की पुत्री कंचन कुमारी के साथ तय हुई थी. वर एवं वधू पक्ष द्वारा यह तय किया गया कि शादी समारोह में संग्रामपुर में ही आयोजित होगा. इससे पूर्व 29 अप्रैल को वर पक्ष के संग्रामपुर स्थित आवास पर तिलक का रश्म भी पूरा किया गया. बुधवार 2 मई को शादी होनी थी. बरात सज-धज कर रामधनी भगत स्मृति भवन पहुंचा और वहां वरमाला की रश्म भी पूरी की गयी. यहां तक तो सबकुछ ठीक था. लेकिन, इसी बीच लड़के वाले ने दहेज में एक लाख रुपये नगद, सोने का चेन व अंगूठी की मांग कर दी. जब लड़की पक्ष ने तत्काल देने में असमर्थता जतायी तो मामला उलझ गया और विवाह मंडप पर आने से पूर्व ही दूल्हा वहां से रफूचक्कर हो गया.
कहती है दुल्हन की मां
दुल्हन बनने जा रही कंचन की माता निर्मला भगत ने बताया कि उसके बेटी की शादी रणजीत के साथ बिना किसी दान दहेज के साथ तय हुई थी. परंतु बुधवार को समधी मिलन एवं वरमाला के बाद दूल्हा रणजीत के पिता सुरेंद्र भगत, मां बेनी देवी, मामा शत्रुघ्न भगत उर्फ रामजाने एवं मुन्ना भगत द्वारा मुझसे एक लाख रुपये नकद, सोने की सिकरी एवं अंगूठी की मांग करने लगे. साथ ही उनलोगों ने कहा कि जब तक यह नहीं दिया जायेगा तो दूल्हा मंडप पर नहीं जायेगा. जब वे देने में असमर्थता जतायी तो इन लोगों ने साजिश कर दूल्हे को वहां से भगा दिया.
थाना पहुंचा मामला
दहेज के कारण शादी नहीं होने का मामला अंतत: संग्रामपुर थाना पहुंचा. दुल्हे के पिता सुरेंद्र भगत एवं छोटा भाई मुकेश भगत को थाना लाकर दोनों पक्षों के बीच सुलह का प्रयास दिनभर चलता रहा. किंतु बात नहीं बनी. थानाध्यक्ष एलबी सिंह ने बताया कि वरमाला के बाद दुल्हे के भागने की मौखिक शिकायत पर दोनो पक्षों के लोगों को बुलाया गया है. दोनों पक्ष मामले को सुलझाने की बात में लगे हैं. अन्यथा विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जायेगी.