जांच अधिकारी दल पर हमला

बेलहर, बांकाः थाना क्षेत्र के निमिया गांव में शुक्रवार को जनता दरबार से मिले आवेदन की जांच करने गये सीओ, पुलिस वाहन व पुलिस कर्मी पर एक पक्ष ने जमकर पथराव किया. हमले में कई पुलिस कर्मी घायल हो गये व पुलिस वाहन के शीशे टूट गये. सीओ अमलेंद्र कुमार शर्मा ने गांव के दस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2014 5:31 AM

बेलहर, बांकाः थाना क्षेत्र के निमिया गांव में शुक्रवार को जनता दरबार से मिले आवेदन की जांच करने गये सीओ, पुलिस वाहन व पुलिस कर्मी पर एक पक्ष ने जमकर पथराव किया. हमले में कई पुलिस कर्मी घायल हो गये व पुलिस वाहन के शीशे टूट गये. सीओ अमलेंद्र कुमार शर्मा ने गांव के दस नामजद व अज्ञात 40 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.

सीओ ने अपने लिखित बयान में कहा है कि जनता दरबार से प्राप्त आवेदन के निर्देशानुसार वे सुमंती देवी बनाम मुसो यादव की जमीन विवाद की जांच के लिए गये थे. जमीन का पैमाइश पहले ही कर सीमांकन कर दिया गया था और भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पास मामले को भेजा गया था. वे मामले से जुड़े लोगों को समझा रहे थे. उसी दौरान मुसो यादव के पुत्र राजेश यादव ने अपने सहयोगी के साथ हथियार लेकर मुझ पर व पुलिस बल पर हमला कर दिया. इस दौरान राजेश यादव, मुसो यादव, केशो यादव, प्रमोद यादव, महेंद्र यादव, कारू यादव, सीताराम यादव, राज कुमार यादव, भीम यादव, झोखो यादव व अज्ञात चालीस लोगों ने चौकीदार मो मुसलिम के साथ मारपीट की.

हमले में एक व्यक्ति ने कमांडो जवान संजीव कुमार का राइफल छीनने का प्रयास किया. इन लोगों को उग्र देखकर सीओ व पुलिस पदाधिकारी अपने सहयोगी के साथ वापस आने लगे तो उन लोगों ने थाना गाड़ी पर पथराव कर दिया. इसमें गाड़ी के शीशे टूट गये व कमांडो जवान अंशु पटेल व ज्योति प्रकाश नारायण जख्मी हो गये. घायल जवान का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है.

ग्रामीणों ने लगाया जांच टीम पर आरोप : आरोपी पक्ष के मुसो यादव, राजेश यादव, तीरो यादव, गुंजा देवी दयावती देवी आदि ने सीओ व पुलिस द्वारा गाली-गलौज कर घर में घुस कर औरतों के साथ बदतमीजी करने का आरोप लगाया है. उन लोगों ने बताया कि 12 मई को सीओ द्वारा एक नोटिस भेजकर 21 मई को फैसला कर देने की बात बतायी गयी थी. 22 मई तक कुछ भी नहीं किये जाने पर हमलोग अपनी जमीन पर घर बना रहे थे, तभी सीओ द्वारा गाली-गलौज व पुलिस द्वारा राइफल के कुंदा से मारपीट शुरू कर दी गयी. इसका विरोध महिलाओं ने किया, तो वे हमारे दूसरे घर को भी उजाड़ने लगे. रोकने की कोशिश करने पर पुलिस गाड़ी से सभी ग्रामीणों को धक्का मारते हुए भाग गये. भागने के दौरान एक बकरी का बच्चा भी गाड़ी से दब कर मर गया. उक्त अभियुक्तों ने जिलाधिकारी को एक आवेदन सीओ व पुलिस के विरोध में दिया, जिस पर डीएम ने फिर से जांच करने की बात ग्रामीण से कही.

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