….जब कफन के पैसे में भी मुखिया पुत्र ने ले लिया कमीशन

अजय कुमार झा बाराहाट : अपने आप को सभ्य समाज का हिस्सा कहे जाने वाले कुछ लोग ऐसी हरकतें कर जाते हैं कि कफन के लिए भी कमीशन मांगने लगे तो, देखने और सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाये और जब मामला ऐसे चुने हुए जनप्रतिनिधियों से संबंधित हो तो चिंता की लकीरें और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2018 5:15 AM
अजय कुमार झा
बाराहाट : अपने आप को सभ्य समाज का हिस्सा कहे जाने वाले कुछ लोग ऐसी हरकतें कर जाते हैं कि कफन के लिए भी कमीशन मांगने लगे तो, देखने और सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाये और जब मामला ऐसे चुने हुए जनप्रतिनिधियों से संबंधित हो तो चिंता की लकीरें और बढ़ जाती है.
ऐसा ही कुछ मामला हाल के दिनों में बाराहाट प्रखंड के सोनडीहा उत्तरी पंचायत में देखने को मिल रहा है. जहां एक दिव्यांग परिवार को बीते दो माह से इसलिए एक जनप्रतिनिधि के पुत्र के द्वारा परेशान किया जा रहा है. क्योंकि यह गरीब परिवार उसके द्वारा मांगे गये अंत्येष्टि राशि के लिए कमीशन देने में असमर्थ है. जिसकी वजह से इस दिव्यांग परिवार को सरकार द्वारा उपलब्ध सहायता राशि का भुगतान रोके रखा है.
क्या है मामला
सोनडीहा उत्तरी पंचायत के वार्ड नंबर 6 की पूर्व वार्ड सदस्य बीवी सजदा का इंतकाल बीते 26 अप्रैल को हो गया था. बीबी साजदा की बेटी बीबी नूरानी खातून की मानें तो मां के इंतकाल के बाद दिव्यांग पिता की जिम्मेवारी को उठाते हुए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसे में जब उसे सरकार द्वारा उपलब्ध कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 3000 रुपया पंचायत से मिलने की जानकारी मिली तो उसने पंचायत के मुखिया मीरा देवी से संपर्क किया. जहां मीरा देवी ने अपने सारे काम अपने पुत्र कार्तिक के द्वारा किये जाने की बात कहकर उससे मिलने की सलाह दी. जिसके कुछ दिन बाद बीबी नूरानी खातून मुखिया पुत्र कार्तिक से मिले कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि दिलाने की मांग की.
बीवी नूरानी के मुताबिक मुखिया पुत्र ने उससे रेवेन्यू टिकट लगाकर रजिस्टर पर कुल छह जगह हस्ताक्षर लिये और 2000 रुपये देकर शेष राशि के दूसरे दिन देने की बात कही. जब कुछ दिन के बाद पीड़िता पुनः मुखिया पुत्र से जाकर मिली तो उसने 1000 रुपया के बदले 500 रुपया दिया. पूरी राशि की मांग करने पर उसे धमकाते हुए घर से बाहर कर दिया.
साथ ही कहा कि कबीर अंत्येष्टि योजना में 500 रुपया कमीशन के तौर पर देने पड़ेंगे. अब बीबी नूरानी प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही है, लेकिन अब तक उसे पूरा पैसा नहीं मिल पाया है. हालांकि प्रखंड क्षेत्र में यह कोई नया मामला नहीं है. यहां कई महिला मुखिया के पति ही पंचायत की सारी जिम्मेदारी संभालते हैं या फिर कई मुखिया पुत्र पंचायत की जिम्मेदारी संभालते हुए अपना रौब लोगों पर झाड़ते हैं.
कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी शशि भूषण साहू ने कहा कि इस मामले को वह गंभीरता से लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. साथ ही पीड़ित परिवार को योजना मद की राशि भुगतान करायी जायेगी.

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