बांका : डेढ़ माह की नेत्रहीन पुत्री को मां ने जिंदा दफनाया, ग्रामीणों ने बचाया

कटोरिया (बांका) : कटोरिया थाने की मनिया पंचायत के रिखियाराजदह गांव के बगल स्थित कुहका जोर में मां ने डेढ़ माह की नेत्रहीन पुत्री को जिंदा दफना दिया और बालू के ऊपर से पत्थर रख दिया. लेकिन, बच्ची की चीख ग्रामीणों तक पहुंच गयी और उसे बचा लिया. उक्त बच्ची को पंचायत समिति सदस्य मनीष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2018 9:34 AM
कटोरिया (बांका) : कटोरिया थाने की मनिया पंचायत के रिखियाराजदह गांव के बगल स्थित कुहका जोर में मां ने डेढ़ माह की नेत्रहीन पुत्री को जिंदा दफना दिया और बालू के ऊपर से पत्थर रख दिया. लेकिन, बच्ची की चीख ग्रामीणों तक पहुंच गयी और उसे बचा लिया.
उक्त बच्ची को पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार सुमन की पहल पर युवक रामकिशोर यादव ग्राम बेलौनी, रिखियाराजदह के रामेश्वर यादव, चरण यादव, अमरजीत कुमार व बड़वासिनी गांव के महेश यादव आदि के सहयोग से देर शाम रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉ दीपक भगत ने जांच के बाद कहा कि बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है.
इसके बाद बच्ची को एनबीसीसी में रखा गया है. प्राथमिक उपचार के बाद ही बच्ची भूख से बिलखने लगी तो चिकित्सक ने ड्रॉपर से दूध पिलाया. प्रभात खबर की सूचना के बाद डायरेक्टर चिरंजीव सिंह के नेतृत्व में चाइल्ड-लाइन की टीम भी रेफरल अस्पताल पहुंची. उन्होंने बच्ची से मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी बांका को भी सूचना दी.
जानकारी के अनुसार उक्त दिव्यांग बच्ची का मामा घर रिखियाराजदह गांव में है. चर्चा है कि करमा त्योहार से एक दिन पहले उसका जन्म मामा घर में हुआ है. बच्ची के नेत्रहीन रहने के कारण उसके माता-पिता ने छुटकारा पाने की नीयत सेही बगल के कुहका जोर में रविवार की सुबह दफना दिया. बच्ची के रोने की आवाज सुन कर जुटे युवकों ने उसे बालू से बाहर निकाला.
दोपहर में बहियार में घास काटने वाली एक दयालु महिला ने उसे अपना दूध भी पिलाया. गांव के ही एक युवक अमरजीत कुमार ने पंचायत समिति सदस्य को वीडियो कॉलिंग कर बिलख रही बच्ची को दिखाते हुए सूचना दी.
फिर एंबुलैंस द्वारा उसे रेफरल अस्पताल में भर्ती किया गया. चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर चिरंजीव सिंह ने कहा कि इस बच्ची का समुचित देखरेख की व्यवस्था सुदृढ़ करायी जायेगी.

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