बेटी को जिंदा दफनाने वाले माता-पिता पर प्राथमिकी दर्ज

कटोरिया/बांका : कटोरिया थाना अंतर्गत मनिया पंचायत के रिखियाराजदह गांव के बगल स्थित कुहका जोर के किनारे नेत्रहीन पुत्री को जिंदा दफनाने की अमानवीय घटना के संबंध में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस कांड के सूचक सह पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार सुमन के बयान पर थाना में कांड संख्या 202/18 धारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2018 5:46 AM
कटोरिया/बांका : कटोरिया थाना अंतर्गत मनिया पंचायत के रिखियाराजदह गांव के बगल स्थित कुहका जोर के किनारे नेत्रहीन पुत्री को जिंदा दफनाने की अमानवीय घटना के संबंध में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस कांड के सूचक सह पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार सुमन के बयान पर थाना में कांड संख्या 202/18 धारा 317, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज हुआ है.
इसमें उक्त बच्ची के पिता आनंदी यादव व मां सविता देवी ग्राम तसरिया थाना कटोरिया को अभियुक्त बनाया गया है. इस कांड के दोषियों को अधिकतम सात सालों की सजा का प्रावधान है. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि रविवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे कुहका जोर के पूरब दिशा में एक छोटी नेत्रहीन बच्ची को जिंदा दफनाने की सूचना मिली. सत्यापन के लिये ग्रामीण लड़कों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. जोर के किनारे डेढ़ माह की बच्ची को जमीन में करीब डेढ़ फीट गड्ढे खोदकर दफना दिया गया था.
ऊपर से बालू डाला गया था. मुंह के ऊपर बड़ा व छोटा पत्थर रखा हुआ था. ताकि उक्त बच्ची की मौत हो जाये. ग्रामीणों के सहयोग से बच्ची को बाहर निकाला गया, तो बच्ची रोने लगी. बच्ची के जिंदा रहने पर एंबुलेंस से उसे रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. उक्त बच्ची के पिता आनंदी यादव व मां सविता देवी ने मिलकर एक दिन पूर्व ही जिंदा दफना दिया था.
कटोरिया पुलिस ने घटनास्थल पर की पड़ताल
डेढ़ माह की अबोध पुत्री को जिंदा दफनाने की घटना में प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस हरकत में आ गयी है. सोमवार को कटोरिया थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार व अवर निरीक्षक उमा प्रकाश सिंह दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की तहकीकात शुरू की. इस मौके पर पंचायत समिति सदस्य मनीष कुमार सुमन के अलावा काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.
थानाध्यक्ष ने कई प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी दर्ज किया. थाना के अवर निरीक्षक बसंत कुमार सिंह को इस कांड का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है. संभावना जतायी जा रही है कि जांच-पड़ताल के बाद कांड में अभियुक्तों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. मासूम बच्ची को गड्ढा में दफनाने में सहयोग करने वाले अन्य लोगों को भी अभियुक्त बनाया जा सकता है.

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