घोषणा भी नहीं आयी काम, अब भी अंधेरे में शहर के प्रमुख चौक-चौराहे
बांका : सूबे की सरकार 24 घंटा बिजली का दंभ खूब भर रही है, परंतु निरंतर बिजली के दौरान भी शहर अंधेरे में रहे, यह कहां तक शोभनीय है. दरअसल, नगर परिषद के शहरी क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले प्रमुख चौक-चौराहा पर रौशनी की सुविधा नदारद है. बीते 23 जनवरी को नगर विकास एवं आवास विभाग […]
बांका : सूबे की सरकार 24 घंटा बिजली का दंभ खूब भर रही है, परंतु निरंतर बिजली के दौरान भी शहर अंधेरे में रहे, यह कहां तक शोभनीय है. दरअसल, नगर परिषद के शहरी क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले प्रमुख चौक-चौराहा पर रौशनी की सुविधा नदारद है. बीते 23 जनवरी को नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री ने 15 फरवरी से शहर को दुधिया रौशनी में नहलाने की घोषणा की थी, परंतु स्थिति जस की तस बनी हुयी है. अलबत्ता, गांधी चौक, शिवाजी चौक, नयाटोला मोड़, अलीगंज सहित अन्य प्रमुख रिहायशी इलाके में अंधेरा कायम है.
यहां तक की विभाग ने समय पर सर्वे का काम भी पूरा नहीं किया है. ज्ञात हो कि रौशनी की कमी को लेकर डीएम ने भी गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया था. वास्तविकता यह है कि, शहर में बिजली के बावजूद रौशनी की असुविधा उदासीनता का ही एक प्रमाण है. हालांकि अधिकारी का कहना है कि वार्ड का सर्वे हाल में ही पूरा कर लिया गया है और एलइडी लगाने की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है.
वार्ड पार्षद भी लापरवाह, जनहित के काम में नहीं ले रहे रुचि
रौशनी की कमी को लेकर बाजारवासी व मुहल्लेवासी काफी रोष में है. शहरी जानता व दुकानदारों का कहना है कि निर्वाचित वार्ड सदस्य अपने कर्तव्य पर अडिग नहीं है. क्षेत्र में बिजली, रौशनी व साफ-सफाई की दिक्कत है. यहां तक की बोर्ड की बैठक में भी वार्ड सदस्य अपनी समस्या को मजबूती से नहीं रख पा रहे हैं. ज्ञात हो कि शहर को रोशन करने की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसी इएसएल को देनी है. इस पर भी निर्णायक स्थिति नहीं बन पायी है.