पटना : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमला की जिम्मेवारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जैश) का लिंक बिहार से भी जुड़ता दिख रहा है. बांका से जैश से जुड़े एक संदिग्ध रेहान अहमद को हिरासत में लिया गया है. एनआइए की सूचना पर स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है. लेकिन, एनआइए की टीम ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है. हालांकि, एनआइए ने अभी तक इस केस को अपने पास दर्ज नहीं किया है. इसके बाद इस मामले की छानबीन शुरू हो जायेगी.
एनआइए ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि जैश का एक संदिग्ध बांका में छिपा हुआ है. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने संबंधित व्यक्ति रेहान को हिरासत में लिया गया है. इसके बाद देर शाम तक एनआइए की टीम पहुंची और उसने पूछताछ शुरू कर दी. फिलहाल एनआइए की तरफ से इस मामले में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. शुरुआती पूछताछ में रेहान से कई अहम जानकारी मिलने की बात सूत्रों ने कही. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनआइए ने शनिवार की देर शाम तक बांका के अलावा गया और मधुबनी में भी कुछ स्थानों पर सर्च किया. पर इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.
गांव वाले रेहान को बता रहे निर्दोष
उधर, खुफिया सूचना पर शनिवार को अहले सुबह से बांका पुलिस जगह-जगह छापेमारी करती रही. इस क्रम में शंभुगंज प्रखंड के एक गांव के मो रेहान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. लेकिन उसका पड़ोसी नौशाद फरार हो गया. इस दौरान रेहान की पत्नी भी भागलपुर के अकबरनगर प्रखंड स्थित अपने मायके इंग्लिस चिचरौन चली गयी.
पुलिस की दूसरी टीम ने इंग्लिस चिचरौन से रेहान की पत्नी और उसकी सास को हिरासत में ले लिया. दूसरी ओर नौशाद की पत्नी और बेटी को हिरासत में लेकर पुलिस बांका पहुंची. बांका में एसपी सहित अन्य अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की. रेहान को हिरासत में लिये जाने के दौरान गांव में पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों का कहना था कि रेहान कर्ज लेकर पशु पालन और बच्चों को पढ़ाने का काम करनेवाला एक सामान्य युवक है और उसका किसी गड़बड़ी में हाथ नहीं है. काफी मश्कत के बाद पुलिस उसे ला पायी. दूसरी ओर नौशाद के संबंध में पता चला कि वह पहले भी जेल जा चुका है. डेढ़ माह पहले ही वह दुमका जेल से छूटा था. उस पर पशु तस्करी, ह्यूमेन ट्रैफिंकिंग और जाली सर्टिफिकेट बनाने का आरोप है.
मंत्री और सीआरपीएफ को मेल करने वाले की तलाश
बांका से गिरफ्तार रेहान को लेकर पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर रही है कि कहीं वह किसी की साजिश का शिकार तो नहीं हुआ. किसी ने पुलवामा की जांच से ध्यान हटाने की कोशिश तो नहीं की है. जांच एजेंसी इन दो सवालों को भी ध्यान में रख आगे काम कर रही है. प्रभात खबर को विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि पुलिस की अभी तक की जांच में रेहान के जैश से आतंकी लिंक के बारे में ठोस सुराग नहीं मिले हैं. जांच में यह सामने आया है कि वह जहां रहता है, उसी क्षेत्र से एक आइपी जनरेट कर सीआरपीएफ हेडक्वार्टर और एक केंद्रीय मंत्री को मेल भेजा गया. पुलिस आइपी जनरेट करने वाले की तलाश में जुटी हुई है.