बांका : बांका में दर्जन भर से अधिक नदियां हैं. तालाब भी हैं. इसके बावजूद जल संकट गहराता जा रहा है. कई इलाकों के लोग नदी में चूहाड़ी खोद कर प्यास बुझाने को विवश हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, एक ही तालाब से गांववाले और जानवर सभी पानी पीते हैं. इससे कई बीमारियां भी हो जाती हैं.
जानकारी के मुताबिक, चंदवारी गांव के लोग एक ही तालाब से पानी पीते हैं. इसी पानी का उपयोग अन्य दैनिक कामों के लिए भी करते हैं. इस संबंध में गांव निवासी सरजू पुझार कहते हैं, ‘पशु और मनुष्य एक ही गंदा पानी पीते हैं. इससे जलजनित बीमारियां हो जाती हैं. करीब चार-पांच लोगों की मौत भी हो गयी है. यहां से अस्पताल भी पांच किमी दूर है.’
Banka: Locals in Chandwadi village drink water from a pond and use the same water for other daily chores.A resident Sarju Pujhar says, "Animals & humans drink the same dirty water which leads to waterborne diseases. 4-5 people have died as well. Hospital is also 5 km away".#Bihar pic.twitter.com/PG3hP16a1h
— ANI (@ANI) April 5, 2019
मालूम हो कि हमारे देश में उपलब्ध पानी का करीब 70 फीसदी हिस्सा दूषित है.नीति आयोग ने एक रिपोर्ट में आगाह किया था कि वर्ष 2020 तक पानी की मांग उपलब्धता से दोगुनी हो जायेगी. देश में जलसंकट से साठ करोड़ लोग सीधे प्रभावित हैं. एक दशक के बाद इस समस्या से सकल घरेलू उत्पादन में छह फीसदी की कमी आ सकती है. संकेत साफ हैं. इसके समाधान के उपायों पर तुरंत ध्यान देना होगा.