बिहार सरकार ने शिक्षा के मंदिर को बना दिया भोजनालय : उपेंद्र कुशवाहा

बांका : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असली पिछड़ा नहीं बल्कि बनावटी पिछड़ा है. असल में प्रधानमंत्री पिछड़े घर में पैदा नहीं हुए. सरकारी निर्णय करके पिछड़ा वर्ग में शामिल हो गये. उक्त बातें बुधवार को बांका लोकसभा के राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव के पक्ष में धोरैया के बटसार में चुनावी सभा को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2019 10:17 PM

बांका : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असली पिछड़ा नहीं बल्कि बनावटी पिछड़ा है. असल में प्रधानमंत्री पिछड़े घर में पैदा नहीं हुए. सरकारी निर्णय करके पिछड़ा वर्ग में शामिल हो गये. उक्त बातें बुधवार को बांका लोकसभा के राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव के पक्ष में धोरैया के बटसार में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कही.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मंत्री पद की चिंता नहीं करते हुए सामाजिक न्याय की बात हमेशा की. एनडीए में उन्हें एेहसास हुआ कि उन्हें व आम जनता को छला जा रहा है. देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर एक भी दलित व पिछड़ा नहीं है. और न ही प्रोफेसर पिछड़ा दलित है. अगर भाजपा दोबारा आयी तो आरक्षण समाप्त हो जायेगा. हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में एक भी दलित व पिछड़ा जज नहीं है.

उन्होंने जज की बहाली की प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान उठाया. केंद्र सरकार ने दवाई, पढ़ाई व कमाई के नाम पर लोगों को छला और मोदी जुमलाबाजी कर प्रधानमंत्री बन गये. नीतीश सरकार के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था गर्त में चली गयी. सरकारी विद्यालय भोजनालय में बदल गये. शिक्षक स्कूल के एमडीएम व भवन निर्माण का हिसाब रखने में व्यस्त है. उन्होंने कहा कि संविधान व आरक्षण को बचाने की जरूरत है.

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