चांद का दीदार होते ही मस्जिद में शुरू हो गयी तरावीह, बाजार में दिखी भीड़
बांका : माह-ए-रमजान के चांद का दीदार सोमवार को हुआ. चांद का दीदार होते ही मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गयी. चांद देखे जाने का एलान होते ही लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकवाद दी. घरों से निकल कर लोग सड़क पर आ गये. एलान होते ही सहरी की तैयारी में जुट गये. बाजार जाकर अपनी-अपनी […]
बांका : माह-ए-रमजान के चांद का दीदार सोमवार को हुआ. चांद का दीदार होते ही मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गयी. चांद देखे जाने का एलान होते ही लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकवाद दी. घरों से निकल कर लोग सड़क पर आ गये. एलान होते ही सहरी की तैयारी में जुट गये.
बाजार जाकर अपनी-अपनी पसंद की खरीदारी की जाने लगी. किसी ने नान रोटी की खरीदारी की, तो किसी ने सेवई-दूध की खरीदारी की. इसको लेकर थोड़ी देर के लिए बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी.
इसके बाद सभी तरावीह की नमाज की तैयारी में जुट गये. घर की औरतें व बच्चियों ने कुरान की तिलावत शुरू कर दी. हर घर से पाक कुरान की तिलावत की आवाज आने लगी. बच्चे व नौजवान मस्जिद की तरफ चल पड़े. उधर बाजारों में सेहरी और इफ्तार की सामाग्रियां दिखाई देने लगी हैं.
सेहरी और रोजा इफ्तार के लिए कुछ अलग व्यंजन मौजूद रहते हैं. जहां लोग दूध, फैनी, ब्रेड के साथ सेहरी कर रोजे की शुरुआत करते हैं, वहीं खजूर, फल, घुघनी, पकौड़े को इफ्तार के व्यंजनों में शामिल रखते हैं. इफ्तार के लिए अफजल (पवित्र) मानी जाने वाली खजूर की कई वेरायटियां भी शहर के मार्केट में दिखाई देने लगी हैं. इसके अलावा मौसमी फलों की बिक्री भी इस दौरान बढ़ने लगी है.
रमजान के दौरान इन बातों पर रखे विशेष ध्यान
इनसान रमजान की हर रात उससे अगले दिन के रोजे की नियत कर सकता है. बेहतर यही है कि रमजान के महीने की पहली रात को ही पूरे महीने के रोजे की नियत कर लें.
अगर कोई रमजान के महीने में जानबूझ कर रमजान के रोजे के अलावा किसी और रोजे की नियत करे तो वो रोजा कुबूल नहीं होगा और न ही वो रमजान के रोजे में शुमार होगा.
बेहतर है कि आप रमजान का महीना शुरू होने से पहले ही पूरे महीने की जरूरत का सामान खरीद लें, ताकि आपको रोजे की हालत में बाहर न भटकना पड़े और आप ज्यादा-से-ज्यादा वक्त इबादत में बिता सकें. रमजान के महीने में इफ्तार के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.
दिन भर के रोजे के बाद शरीर में पानी की काफी कमी हो जाती है. पुरुषों को कम-से-कम 3.5 लीटर और महिलाओं को कम-से-कम तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए. इफ्तार की शुरुआत हल्के खाने से करें. खजूर से इफ्तार करना बेहतर माना गया है.
इफ्तार में पानी, सलाद, फल, जूस और सूप ज्यादा खाएं और पीएं. इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी. सहरी में ज्यादा तला, मसालेदार, मीठा खाना न खाएं, क्योंकि ऐसे खाने से प्यास ज्यादा लगती है. सहरी में दूध, ब्रेड और फल सेहत के लिए बेहतर होता है. रमजान के महीने में ज्यादा-से-ज्यादा इबादत करें, अल्लाह को राजी करना चाहिए, क्योंकि इस महीने में हर नेक काम का सवाब बढ़ा दिया जाता है.