बांका : आईसीएसई 10वीं बोर्ड 2019 के घोषित परीक्षा परिणाम में संत जोसेफ स्कूल बांका के छात्र हर्षित राज राज्य टॉपर बने हैं. हर्षित राज को 99 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है. हर्षित राज शुरू से ही मेधावी रहा है. ये प्रतिदिन बाराहाट से स्कूल बस से संत जोसेफ स्कूल पढ़ने आते थे. स्वयं हर्षित ने बताया है कि परीक्षा परिणाम से वह काफी खुश है. उनकी इच्छा आईआईटी करने की है. आईआईटी पास कर देश के लिए बड़ा काम करना चाहते हैं. वर्तमान में जीना इनका स्वभाव है. आईआईटी के लिए विगत माह में ही राजस्थान के एलएन कोटा में नामांकन लेकर तैयारी में जुट गये है.
इन्होंने बताया है कि गणित व भौतिकी इनका रुचिकर विषय रहा है. प्रतिदिन अपने होमवर्क के अनुसार नियत समय पर पढ़ाई करते थे. शेष समय में क्रिकेट खेलना व राजनीति पसंद है. अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व स्कूल मनेजमेंट को देते है. कहा कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें काफी सपोर्ट किया है. जिसके बदौलत आज मुझे यह सफलता मिली है.
बाराहाट निवासी सह छात्र के पिता मनोज चौधरी उर्फ मंटू चौधरी ने बताया कि उनका एकमात्र पुत्र हर्षित है, स्कूल टॉपर होने की उन्हें काफी उम्मीद थी, लेकिन स्टेट टॉपर बनकर हर्षित ने सभी का दिल जीत लिया है. हर्षित शुरु से ही काफी जुनूनी छात्र रहा है. माता सुषमा चौधरी कुशल गृहणी है. बेटे की सफलता पर उनके आंखों से खुशी के आंशू छलक पड़े. कहा कि एक दिन वह बड़ा इंजिनियर बन देश की सेवा करेगा. बताते चले कि मध्यम परिवार से रहने वाले मनोज चौधरी का बाराहाट में विगत कई वर्षो से वर्त्तन व किराना का दुकान चला रहे है. इनके जीविका का मूल साधन यह एक मात्र व्यवसाय है. हर्षित के स्टेट टॉपर बनने पर उनके घर पर बधाई देने वालों का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा.
सेकेंड स्टेट टॉपर ईशा रानी बनना चाहती है चिकित्सक
आईसीएसई बोर्ड दसवीं के रिजल्ट में संत जोसेफ स्कूल बांका की छात्रा ईशा रानी सेकेंड स्टेट टॉपर बनी है. इन्हें बोर्ड परीक्षा में 98.80 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है. ईशा कुशल चिकित्सक बनना चाहती है. इसके लिए ईशा ने बोर्ड परीक्षा के बाद ही राजस्थान के एलएन कोटा में नामांकन लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. ईशा बताती हैं कि मेहनत कभी भी जाया नहीं जाता. शुरू से ही अपनी पढ़ाई पर ध्यान पर एकाग्रचित रखा. जीव विज्ञान व भौतिकी उनका रुचिकर विषय रहा है. पढ़ाई के अलावा पेंटिंग उनका शौक रहा है. चिकित्सक बन समाजसेवा करना उनकी चाहत है.
ईशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व स्कूल प्रबंधन को दी है. बांका जगतपुर निवासी उनके पिता अवधेश महाराणा व माता कामिनी देवी बतातें हैं कि ईशा शुरु से ही पढ़ाई के प्रति जिम्मेदार रही. मोबाईल व अन्य चीजें उन्हें पसंद नहीं थी, पिता के जीविका का साधन ट्यूशन पढ़ाना है. जबकि माता कुशल गृहणी है. ईशा दो बहन में छोटी है, जबकि एक भाई ईशा से भी छोटा है.
पिता ने बताया है कि ईशा को वह स्वयं पढ़ाते थे, आगे उन्होंने कहा कि उनका पैतृक घर गौराडीह रजौन है. बच्चे के पढ़ाई के लिए ही शहर में आकर बस गये हैं. स्टेट टॉपर बनने के बाद ईशा के घर पर बधाई देनेवाला तांता लगा रहा. स्कूल के फादर ब्रविंथ ने दोनों सफल छात्रों को बधाई देते उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.