धनरोपनी के लिए बचे कुछ ही दिन केवीके ने जारी किया अलर्ट

बांका : मानसून की स्थिति को देखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र ने अलर्ट जारी कर दिया है. किसानों से अपील की गयी है की जल्द से जल्द धनरोपनी कर दें. चूंकि, धन रोपनी का समय अंतिम चरण में है. यदि इस सप्ताह के अंदर रोपाई नहीं हुयी, तो फसल पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2019 6:45 AM

बांका : मानसून की स्थिति को देखते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र ने अलर्ट जारी कर दिया है. किसानों से अपील की गयी है की जल्द से जल्द धनरोपनी कर दें. चूंकि, धन रोपनी का समय अंतिम चरण में है.

यदि इस सप्ताह के अंदर रोपाई नहीं हुयी, तो फसल पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है. केवीके ने साप्ताहिक मौसम सलाह बुलेटिन के तहत यह भी कहा कि इस सप्ताह मध्यम भाग में बारिश होने की संभावना है.
जो किसान अभी तक रोपाई नहीं किये हैं, वे जल्दी करें. रोपाई का समय समाप्त होने वाला है. अगर बारिश नहीं हुयी, तो जहां पानी का साधन है या पिछली बारिश का पानी संरक्षित है, वे एक सिंचाई के बाद रोपाई कर सकते हैं. इसके अलावा जो खेत सूखा है, उसमें भी एक सिंचाई का सुझाव दिया गया है.
केवीके ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए खरीफ धान की खेती पर चिंता जाहिर की है. दरअसल, मानसून की स्थिति इस जिले में काफी सुस्त पड़ गयी है. दिन भर तेज धूप की वजह से बिचड़ा प्रभावित हो रहा है. खेत में कीचड़ नहीं होने की वजह से किसान धान की खेती में असमर्थ हैं. यही नहीं बारिश की स्थिति देखकर किसान डीजल के माध्यम से सिंचाई का भी जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं.
दरअसल, अगस्त में बारिश में काफी गिरावट देखी जा रही है. विभागीय आंकड़े पर गौर करें तो 96000 हेक्टेयर की तुलना किसी तरह 25 फीसदी खेत में धान की रोपाई हो पायी है. शेष खेत बंजर पड़े हुए हैं. निश्चित रुप से मौजूद स्थिति संभावित आकाल का सूचना दे रही है.
मध्यम बारिश की संभावना: केवीके ने अबकी सप्ताह मध्यम बारिश की संभावना जतायी है. सात से 11 जुलाई तक दो से 15 एमएम तक बारिश हो सकती है. तापमान 33 से 37 डिग्री तक रहने की उम्मीद है.
सात जुलाई को दो, आठ जुलाई को तीन, नौ जुलाई को 15, दस जुलाई को आठ व 11 जुलाई को शून्य मिमी बारिश की संभावना है. हालांकि, इतनी कम मात्रा में बारिश धन खेती को ज्यादा लाभ नहीं पहुंचा सकती है. निश्चित रुप से बारिश की स्थिति ऐसी रही तो विगत वर्ष की तुलना अबकी धन खेती में अत्यधिक गिरावट देखी जा सकती है.

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