स्वच्छता के लिए सामाजिक चेतना जगाने की जरूरत

बांका : खुले में शौच मुक्त समुदाय के स्थायित्व देने के लिए सामाजिक व्यवहार परिवर्तन विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को समाहरणालय सभागार में हुआ. प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ डीडीसी रवि प्रकाश ने किया. प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रमुख रुप से सभी प्रखंड से तीन-तीन स्वच्छाग्रही, दो जनप्रतिनिधि, प्रखंड समन्वयक सहित अन्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2019 9:27 AM

बांका : खुले में शौच मुक्त समुदाय के स्थायित्व देने के लिए सामाजिक व्यवहार परिवर्तन विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को समाहरणालय सभागार में हुआ. प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ डीडीसी रवि प्रकाश ने किया. प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रमुख रुप से सभी प्रखंड से तीन-तीन स्वच्छाग्रही, दो जनप्रतिनिधि, प्रखंड समन्वयक सहित अन्य प्रतिभागीय सम्मिलित हुए.

इनविजन इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एजेंसी नोएडा से आये प्रशिक्षक अखिलेश श्रीवास्तव, बरखा दूबे, वर्ष चंदा व मजहर खान ने सभी को प्रशिक्षित किया. इस दौरान जमीनी स्तर पर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान को क्रियान्वयन करने वाले सहयोगियों को संचार के महत्व के बारे में अवगत गराया गया. समन्वय स्थापित कर खुले में शौच मुक्त वातावरण को स्थायी रुप दिया जा सकता है.
डीडीसी ने मौके पर कहा कि खुले में शौच से मुक्ती को स्थायित्व बनाने के लिए लोगों के साथ सही संचार स्थापित करना जरूरी है. यह जिला ओडीएफ के ऊपर कार्य कर रहा है. लेकिन इसके बाद हमें ओडीएफ प्लस पर कार्य करना है, जो आज वैश्विक समस्या है. वहीं प्रशिक्षकों ने अपशिष्ट पदार्थ के प्रबंधन सहित इससे जुड़े सभी बिंदुओं पर प्रकाश डाला.
कहा कि क्षेत्र के लोग अपनी व्यक्तिगत साफ-सफाई कैसे रखते हैं यह भी किसी गांव को ओडीएफ और ओडीएफप्लस बनाने में महत्वपूर्ण है. खुले में शौच मुक्त के लिए जन-जागरुकता व प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया. स्वच्छता के प्रचार -प्रसार के लिए प्रचार पुस्तिका, बुकलेट, पर्चा बांटा जा सकता है, ताकि व्यक्ति उसे पढ़कर स्वच्छता के प्रति जागरूक हो सके.

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