इस साल बारिश में और हरी होगी धरती,लगेंगे 3.50 लाख पौधे

इस साल बारिश के मौसम में 3.50 लाख पौधे लगाये जायेंगे. दो लाख पौधरोपण केवल वन क्षेत्र में किये जायेंगे. जबकि 1.50 लाख पौधे कृषि वानिकी योजना के तहत किसानों से लगवाये जायेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 2:54 PM

बांका(नवनीत).जिले के वन क्षेत्र को विस्तार देने और हरित आवरण मोटा करने के लिए वन विभाग ने विशेष तैयार की है. इस साल बारिश के मौसम में 3.50 लाख पौधे लगाये जायेंगे. दो लाख पौधरोपण केवल वन क्षेत्र में किये जायेंगे. जबकि 1.50 लाख पौधे कृषि वानिकी योजना के तहत किसानों से लगवाये जायेंगे.

पौधरोपण के लिए वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने खास तैयारी की है. जिले भर में मौजूद सभी नर्सरी में इसके लिए पौधे तैयार किये जा रहे हैं. इस बार खास तौर पर पहाड़ी क्षेत्र में सीढ़ीनुमा पद्धति से पौधे लगाये जायेंगे. ताकि जल संरक्षण का सीधा लाभ पौधे को प्राप्त हो और पहाड़ की मिट्टी भी मजबूत हो सके. दरअसल, बारिश के पानी से अक्सर पहाड़ी क्षेत्र की मिट्टी का क्षरण होता है. ज्ञात हो कि बांका में वन क्षेत्र 42000 हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसका हरित आवरण नौ प्रतिशत है. जबकि, पूरे जिले का हरित आवरण 12 प्रतिशत है.

मृत पौधों के स्थान पर लगेंगे नये पौधे

वन विभाग की टीम इस बार वन विभाग की जमीन पर वैसे पौधे का सर्वे भी करेगी, जो विगत वर्ष लगाये गये. किसी वजह से वे मर गये. विभागीय निर्देश के अनुसार, मृत पौधे के स्थान पर शतप्रतिशत नये पौधे भी लगाये जायेंगे. ताकि, पर्यावरण के घनत्व को बेहतर बनाया जा सके.

जैव विविधता से संबंधित पौधे लगेंगे

पौधरोपण में जैव विविधता से जुड़े पौधे को प्राथमिकता दी जायेगी. पौधरोपण अभियान के दौरान प्रमुख रूप से बेर, पीपल, पाकड़, नीम, आंवला, करंज आदि पौधे लगाये जायेंगे. इसके अतिरिक्त फलदार व अन्य छायादार पौधे का भी प्रबंध भी किया गया है.वन प्रमंडल पदाधिकारी, बांका नीरज नारायण का कहना है कि मानसून के दौरान विभाग की ओर से सघन पौधरोपण की तैयारी है. इस बार वन क्षेत्र में दो लाख और कृषि वानिकी के तहत डेढ़ लाख पौधे लगाये जायेंगे. जबकि, मनरेगा, जीविका, एनजीओ, एसएसबी के तहत भी पौधरोपण किये जायेंगे. साथ ही सभी इच्छुक लोगों से भी पौधरोपण की अपील है. उन्हें विभागीय नर्सरी से नियमानुसार पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे. जिले वासियों से अपील है कि अधिक से अधिक लोग पौधरोपण का हिस्सा बनें. हरित आवरण को मजबूत करें.

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