फोटो 23 बांका 2 : केंद्र में खेलते मात्र चार बच्चे. प्रतिनिधि, बौंसी नौनिहालों को शिक्षा के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए आगनबाड़ी केंद्र की स्थापना की जाती है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से इस व्यवस्था में अब जंग लगती जा रही है. कहने को तो प्रखंड में सौ से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र हैं, लेकिन इन केंद्रों की नियमित जांच की जाय तो इन केंद्रों पर बच्चांे की उपस्थिति आधे दर्जन से एक दर्जन तक ही रहती है, लेकिन सेविका के मनमानेपन की वजह से उपस्थिति पंजी मे 40 बच्चांे की उपस्थिति प्रतिदिन दिखायी जाती है. सीडीपीओ और सुपरवाइजर द्वारा भी जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. केंद्र संख्या 138 डेलीपाथर का अपना केंद्र तो नहीं है. यह केंद्र गांव में ही भाड़े के मकान पर चल रहा है. केंद्र पर सेविका आराम कर रही थी और तीन चार बच्चें आंगन मे खेल रहे थे. वहीं ग्रामीणो नें बताया कि ऐसी स्थिति रोजाना ही रहती है. सुदुरवर्ती गांव होने की वजह से कोई अधिकारी भी जांच को नहीं आ पाते जिसका फायदा बड़े आराम से इन लोगों को मिलता है. ऐसा नहीं है की बच्चे की कम उपस्थिति के बारे मे सीडीपीओ व एलएस को पता नहीं है. कहती है सेविका सेविका बॉबी कुमारी ने बताया कि गांव मे शादी होने की वजह से बच्चें कम आ रहे हैं. रोजाना काफी भीड़ रहती है. क्या कहते हैं बीडीओ प्रखंड विकास पदाधिकारी अमर कुमार मिश्रा ने कहा कि जल्द ही केंद्र की जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
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बच्चों की उपस्थिति पंजी में 40, मौजूद पांच
फोटो 23 बांका 2 : केंद्र में खेलते मात्र चार बच्चे. प्रतिनिधि, बौंसी नौनिहालों को शिक्षा के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए आगनबाड़ी केंद्र की स्थापना की जाती है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से इस व्यवस्था में अब जंग लगती जा रही है. कहने को तो प्रखंड में सौ से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र […]
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