अबकी गरमी में प्यासे रहेंगे हजारों कंठ

धोरैया: गरमी के दस्तक देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के चापाकल दम तोड़ने लगे हैं. प्रखंड में जलापूर्ति योजना की स्थिति संतोषप्रद नहीं है, फिर भी पीएचइडी पेयजल संकट नहीं होने का दावा कर रहा है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमानत: प्रखंड क्षेत्र में करीब 1200 चापाकल चालू अवस्था में हैं, जबकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 12:02 PM
धोरैया: गरमी के दस्तक देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के चापाकल दम तोड़ने लगे हैं. प्रखंड में जलापूर्ति योजना की स्थिति संतोषप्रद नहीं है, फिर भी पीएचइडी पेयजल संकट नहीं होने का दावा कर रहा है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमानत: प्रखंड क्षेत्र में करीब 1200 चापाकल चालू अवस्था में हैं, जबकि करीब सात सौ चापानल मरम्मत के अभाव में बेकार पड़े हैं. प्रखंड के गौरा, सगुनियां, चंदाडीह, सिज्झत, जयपुर, गंगदौरी तथा बलियास में बोरिंग भी शोभा की वस्तु बने हुए हैं. मुख्यालय में स्थित जलमीनार भी लोगों की प्यास बुझाने में अक्षम साबित हो रही है.
धोरैया निवासी शंकर यादव, गोनरचक के मनमोहन पासवान, सगुनियां के गोपाल साह, विनय कुमार, शेख रफीक आदि ने कहा कि गांवों में जलापूर्ति योजना का काम नहीं होने से ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. प्रखंड के अठपहरा सहित कई महादलित टोलों में हालात बदतर हैं.
कहते हैं पंचायत जनप्रतिनिधि
मुखिया संघ के अध्यक्ष सह कुरमा के मुखिया परवेज अख्तर ने कहा कि विभागीय उदासीनता के कारण जल संकट से निजात मिलना संभव नहीं दिख रहा है. काठबनगांव बीरबलपुर पंचायत के मुखिया शरीफ अंसारी व बटसार के मुखिया शिवनारायण सिंह ने कहा कि दर्जन से अधिक टोलों में चापाकल खराब हैं. बिशनपुर की मुखिया फरहत बेगम, सैनचक की रानी महकम ने कहा कि खराब पड़े चापाकल के बारे में विभाग को कई बार सूचना दी गयी, लेकिन परिणाम शून्य है. सिज्झत बलियास के मुखिया मजहर हुसैन कहते हैं कि पानी का लेयर नीचे जा रहा है. भीषण गरमी आते-आते जो चापाकल चालू हैं वो भी काम करना बंद कर देंगे.
कहते हैं कनीय अभियंता
पीएचइडी के कनीय अभियंता रमेश कुमार मंडल ने कहा कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही वह यहां पदस्थापित हुए हैं. प्रत्येक पंचायतों में नौ-नौ चापाकल गाड़ने की कवायद हो रही है. पेयजल संकट नहीं हो, इसके लिए कोशिश की जा रही है.

Next Article

Exit mobile version