छिटका टूटने से बाधित है सिंचाई

बांका: शहर के बीचों बीच बहने वाला जमुआ जोर कभी किसानों के लिए वरदान साबित होता था, पर आज इसकी अहमियत नहीं रह गयी है. जोर पर बने छिटके से डहुआ, परय, कपैटा एवं लहरते बहियार के लगभग सौ एकड़ भूमि की सिंचाई होती थी. किसान धान, गेहूं , मकई, मूंग, की खेती कर खुशहाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2015 7:39 AM
बांका: शहर के बीचों बीच बहने वाला जमुआ जोर कभी किसानों के लिए वरदान साबित होता था, पर आज इसकी अहमियत नहीं रह गयी है. जोर पर बने छिटके से डहुआ, परय, कपैटा एवं लहरते बहियार के लगभग सौ एकड़ भूमि की सिंचाई होती थी. किसान धान, गेहूं , मकई, मूंग, की खेती कर खुशहाल जीवन जी रहे थे. 1995 में आयी बाढ़ ने तबाही मचायी थी.

सरकार ने किसानों के लिए कृषि रोड मैप बनाया है. अनुदानित दर पर कृषि यंत्र मुहैया कराये जा रहे हैं. सिंचाई के लिए डैम, नहर का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन जिले के किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पहुंचने वाले पानी की सुविधा के लिए कोई कारगर कदम अब तक

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