नदी के सहारे बुझ रही प्यास

हाल नक्सलग्रस्त क्षेत्र के गांव कदमाटांड़ व मंझलाडीह कागरमी बढ़ते ही नदी का जल स्तर भी चला जायेगा नीचेफोटो 4 बांका 16 : नदी में पानी लेने के लिए पहुंची ग्रामीण महिला प्रतिनिधि, जयपुरशासन-प्रशासन चाहे विकास के लाख दावे गढ़े, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति उस दावे से बिल्कुल उलट है. हम बात कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2015 10:04 PM

हाल नक्सलग्रस्त क्षेत्र के गांव कदमाटांड़ व मंझलाडीह कागरमी बढ़ते ही नदी का जल स्तर भी चला जायेगा नीचेफोटो 4 बांका 16 : नदी में पानी लेने के लिए पहुंची ग्रामीण महिला प्रतिनिधि, जयपुरशासन-प्रशासन चाहे विकास के लाख दावे गढ़े, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति उस दावे से बिल्कुल उलट है. हम बात कर रहे हैं जिले के नक्सलग्रस्त गांव कदमाटांड़ व मंझलाडीह की. इस गांव की हालत यह है कि यहां के लोग पेयजल के लिए बंधुआ नदी पर आश्रित हैं. इन लोगों की हालत रोज कुआं खोद कर पानी निकालने जैसी है. ये दोनों गांव ओपी नक्सलग्रस्त क्षेत्र के कटियारी पंचायत में आते हैं. गांव के टिकेश्वर यादव ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व दोनों गांवों के बीच में पूर्व विधायक सुरेश यादव ने चापाकल लगवाया था. चूंकी उसकी गहराई कम थी, इसलिए वह भी खराब पड़ा है. अगर नदी किनारे ये गांव नहीं होते, तो फिर भगवान ही जाने की हम लोगों का हाल क्या होता. जयपुर यादव मार्केट बाजार से तीन किलोमीटर दूरी पर कदमाटाड़ व मंझलाडीह गांव है. यहां आने-जाने के लिए कच्ची सड़क व नदी पर पुल भी है. दोनों गांव आसपास ही हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर एक भी चापाकल दोनों गांव के बीच में लग जाये, तो लोगों को शुद्ध पानी मिलने लगेगा. ग्रामीण कपिलदेव यादव, पंकज यादव, जागेश्वर यादव, डोमन यादव, सविता देवी, फुलवती देवी, शोभा देवी, सुशीला देवी सहित अन्य ने बताया कि ज्यों – ज्यों गरमी बढ़ रही है, नदी का जल स्तर भी नीचे जा रहा है. एक महीने में नदी का स्तर काफी नीचे चला जायेगा. फिर लोगों की मुसीबत और बढ़ जायेगी.

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