फोटो: 16 बांका- 12 – सदर अस्पताल की तसवीर लैब टेक्निशियन के साथ स्वीपर भी करते हैं मरीजों की आपातकालीन सेवा प्रतिनिधि, बांका जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. मरीज बेहतर इलाज कराने के लिए गांव से शहर आते हैं लेकिन शहर की स्थिति तो पहले से खराब है. मालूम हो कि सदर अस्पताल बांका में मात्र सात डॉक्टर के भरोसे पूरे महीने के दोनों शिफ्ट का काम लिया जा रहा है. सात डॉक्टर में से एक डॉक्टर अस्पताल उपाधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं. ऐसे में छह डॉक्टर के भरोसे ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है. पैथोलॉजिस्ट का पद रिक्त है. संविदा पर बहाल लैब टेक्निशियन से सदर अस्पताल की पूरे पैथोलॉजी का कार्य लिया जा रहा है. साथ ही इनसे आपातकालीन सेवा में कंपाउंडर एवं ड्रेसर का कार्य भी लिया जा रहा है. पैथोलॉजी सेंटर में संसाधन का घोर अभाव है जिससे कार्यरत कर्मियों को जांच के दौरान घोर परेशानी झेलनी पड़ रही है.सदर अस्पताल में करीब 10-15 प्रकार की जांच मुफ्त की जाती है जिससे प्रत्येक माह में संसाधन के अभाव के बावजूद भी 3000-3500 मरीजों की जांच की जाती है. अनियमितता का हाल यह है कि दुर्घटनाग्रस्त लोगों की ड्रेसिंग कर्मी के अभाव में स्वीपर से करवाया जाता है. कहते हैं सिविल सर्जन चिकित्सकों की कमी के विषय में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि चिकित्सकों की कमी के विषय में आलाधिकारियों को कई बार पत्र प्रेषित किया गया है. बावजूद इसके इस दिशा में सरकार द्वारा कोई पहल नहीं हो पाया है. फार्मासिस्ट के कुछ कर्मी ने हाल में योगदान दिया है जिसे आपातकालीन सेवा में लगाया जायेगा.
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चिकित्सकों की कमी, संसाधनों का अभाव
फोटो: 16 बांका- 12 – सदर अस्पताल की तसवीर लैब टेक्निशियन के साथ स्वीपर भी करते हैं मरीजों की आपातकालीन सेवा प्रतिनिधि, बांका जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. मरीज बेहतर इलाज कराने के लिए गांव से शहर आते हैं लेकिन शहर की स्थिति तो पहले से खराब है. मालूम […]
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