लापरवाही: भयभीत होकर डाक कर्मी करते हैं काम
बांका: उप डाक घर बांका का मुख्य डाकघर में उन्नयन एक जनवरी 1984 को हुआ था. उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह के द्वारा प्रधान डाकघर का उद्घाटन किया गया था. उद्घाटन कार्यक्रम में पोस्ट मास्टर जनरल, बिहार कर्नल शिव कुमार व निदेशक डाक दक्षिण एसपी सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ था. प्रधान […]
बांका: उप डाक घर बांका का मुख्य डाकघर में उन्नयन एक जनवरी 1984 को हुआ था. उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह के द्वारा प्रधान डाकघर का उद्घाटन किया गया था. उद्घाटन कार्यक्रम में पोस्ट मास्टर जनरल, बिहार कर्नल शिव कुमार व निदेशक डाक दक्षिण एसपी सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ था. प्रधान डाकघर के भवन बनने से 31 वर्ष बीत गये. भवन में कई प्रकार के समय अंतराल में उसके रख-रखाव के लिए मरम्मती भी करायी गयी. हालांकि वर्ष 2010-11 में एरो प्रोजेक्ट के अंतर्गत बांका प्रधान डाकघर का जीर्णोद्धार करोड़ों की लागत से हुआ. इतने रुपये खर्च करने के बाद भी यहां कार्य करनेवाले कर्मियों के जान की सुरक्षा नहीं है.
एरो प्रोजेक्ट के अंतर्गत जो वाइरिंग का कार्य किया गया था. वह वर्तमान में सीबीएस सेवा चालू होने के समय विफल साबित हुआ. जिससे सीबीएस सेवा चालू करने में घोर परेशानी का सामना करना पड़ा. आये दिन भवन की छत से चट्टान टूट कर गिरता रहता है. प्रधान डाकघर से डाक अधीक्षक भागलपुर को इसकी लिखित जानकारी दी गयी है, लेकिन इसकी मरम्मती या तोड़ कर पुन: निर्माण की प्रकिया पर किसी भी तरह की पहल अब तक नहीं की गयी है.
कार्यपालक अभियंता ने किया निरीक्षण
12 मई को भूकंप के झटके आने के बाद 13 मई को बिहार सर्किल के सिविल पोस्ट के कार्यपालक अभियंता श्री त्रिपाठी के द्वारा बांका प्रधान डाकघर के भवन का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में भवन के प्लास्टर को झाड़ कर जांच किया गया. जांच कर उन्होंने बताया कि प्लास्टर के अंदर दीवार ठीक है. जिससे प्रतीत होता है कि भवन सही अवस्था में है.
छत की ढलाई व पीलर जर्जर
प्रधान डाकघर की छत व पीलर में जो छड़ लगे हैं. देखने से प्रतीत होता है कि वह पूरी तरह से खराब हो चुका है. छड़ को छूने के बाद उसका परत दर परत हाथ में आ जाता है. छड़ को ढलाई छोड़ चुका है. इससे आये दिन छत का चट्टान टूट कर गिरता रहता है. जल्द ही यदि इस ओर विभाग का ध्यान नहीं गया तो कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है.
भूकंप के झटके से भी भवन हुआ क्षतिग्रस्त
अप्रैल व मई माह 2015 में लगातार भूकंप के कई झटके आने से भवन में दरारें आ गयी है. हालांकि भवन तो पहले से ही क्षतिग्रस्त था. प्रधान डाक घर का पहली मंजिल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है. बरसात के दिनों में इससे टपकता है जिससे फाइल व कंप्यूटर को बचाना गंभीर समस्या बनी रहती है.
कहते हैं डाक अधीक्षक
भागलपुर के डाक अधीक्षक दिलीप कुमार झा ने बताया कि भूकंप के बाद डाक विभाग के कार्यपालक अभियंता के द्वारा भवन का निरीक्षण किया गया है. उनके द्वारा जांच रिपोर्ट विभाग को समर्पित किया जा चुका है. जहां मरम्मती की आवश्यकता होगी उस पर जल्द से जल्द कार्य शुरू कराया जायेगा.