एडीएम ने फैसला देते हुए कहा कि उक्त जमीन भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर की है. इस पर किसी का दखल दिखाना गलत है. उक्त जमीन का जमाबंदी को गलत ढंग से कायम कराने वाले राजस्व कर्मचारी पर आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश भूमि सुधार उपसमाहर्ता को दिया गया. साथ ही बौंसी प्रखंड के मैनमा मौजा में भी तीन एकड़ 66 डीसिमल सरकारी जमीन का जमाबंदी अब्दुल समद खां के द्वारा कायम कर लिया गया था जो जांचोपरांत सरकार की ही जमीन पाये जाने पर इसकी भी जमाबंदी रद कर दी गयी.
शंभुगंज प्रखंड के असौता मौजा के महेंद्र प्रसाद सिंह बनाम कृष्ण मोहन यादव का विवाद 19 एकड़ 88 डीसिमल जमीन पर चल रहा था. इस जमीन का भी जमाबंदी कायम कर लिया गया था. जांचोपरांत उक्त जमीन भी सरकार का ही निकला. जिस पर एडीएम ने जमाबंदी रद्द करते हुए आदेश पारित किया. इस प्रकार तीनों फैसले में कुल मिला कर 34 एकड़ 31 डिसमिल जमीन जो स्थानीय लोगों के द्वारा राजस्व कर्मचारी को मिला कर जमाबंदी कायम किये हुए थे रद्द कर दिया गया.