ग्रामीणों ने लिया निर्णय, करेंगे वोट बहिष्कार
बौंसी : अल्पसंख्यक बहुल गांव काजी कैरी के मतदाताओं ने रविवार को वोट बहिष्कार का निर्णय लिया. तीन दिनों से ग्रामीणों द्वारा वोट बहिष्कार पर बैठक की जा रही थी. रविवार को भी नदी किनारे काजी कैरी एवं आसपास के गांवों के करीब पांच सौ लोगों ने सड़क निर्माण और नदी में पुल की मांग […]
बौंसी : अल्पसंख्यक बहुल गांव काजी कैरी के मतदाताओं ने रविवार को वोट बहिष्कार का निर्णय लिया. तीन दिनों से ग्रामीणों द्वारा वोट बहिष्कार पर बैठक की जा रही थी.
रविवार को भी नदी किनारे काजी कैरी एवं आसपास के गांवों के करीब पांच सौ लोगों ने सड़क निर्माण और नदी में पुल की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को मत नहीं देने का फैसला किया है.
मालूम हो कि गुरिया गांव तक पक्की सड़क आयी है. यहां से करीब दो किमी कच्ची सड़क से अगरा नदी पार हाेकर गांव में प्रवेश करना पड़ता है. बरसात के दिनों में स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
ग्रामीण मो फकरुद्दीन, मो जफर, ख्वाजा, मो शकील, सद्दाम, छोटे लाल मंडल, जलधर मंडल, राम मंडल, जलधर साह, कलीम, जितेन्द्र साह, चंदन कुमार, मोकिस सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने अपना दर्द सुनाते हुए कहा कि केवल चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधियों को हमारी याद आती है.
उसके बाद पांच साल तक हमारी सुधी लनेे वाला भी कोई नहीं रहता. मालूम हो कि काजी कैरी स्थित मजार शरीफ में 16 जनवरी को सलाना उर्स मनाया जाता है जिसमें देश- विदेश से हजारों की संख्या में जायरीन आते हैं और इबादत करते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी दल के प्रत्याशी को हम लोग गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे. मौके पर मो खलील, मो शहवाज, मो मोइन, नवीर, कुंदन, अरवाज आदि मौजूद थे.