चुनावी मैदान में हो रहा घमसान

चुनावी मैदान में हो रहा घमसान सभी पार्टी व स्वतंत्र उम्मीदवार कर रहे हैं जीत के दावे मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं कार्यकर्ता कई गांवों में वोट वहिष्कार का बनाया है मन प्रतिनिधि, बांका जिले के विभिन्न विधान सभा के चुनावी मैदान में घमसान जारी है. इस घमसान में किसकी जीत और किसकी हार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 9:32 PM

चुनावी मैदान में हो रहा घमसान सभी पार्टी व स्वतंत्र उम्मीदवार कर रहे हैं जीत के दावे मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं कार्यकर्ता कई गांवों में वोट वहिष्कार का बनाया है मन प्रतिनिधि, बांका जिले के विभिन्न विधान सभा के चुनावी मैदान में घमसान जारी है. इस घमसान में किसकी जीत और किसकी हार होगी ये तो मतगणना के बाद ही सामने आयेगा, लेकिन सभी पार्टी के प्रत्याशी व स्वतंत्र उम्मीदवार वोटरों को लुभाने में लगे हैं. वो हर संभव क्षेत्र में विकास करने का हवाला दे रहे हैं. जबकि सच तो यह है कि 35 वर्ष के कांग्रेस,राजद व जदयू के कार्यकाल में विकास कार्य लगभग शून्य रहा है. आज भी कई गांवों में सड़क, बिजली, पेयजल सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी नहीं जा सकी है. कांग्रेस का 10 वर्ष राजद का 15 वर्ष एवं जदयू का 10 वर्ष बिहार में शासन रहा इनके कार्यकाल में क्या विकास हुआ जनता सब जानती है. लोगों का कहना है कि नेताओं ने आज तक सिर्फ ठगने का काम किया है. अपनी कुर्सी मिलते ही जनता की समस्या को दरकिनार कर देते है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क सहित अन्य सुविधाएं नदारत है. जब चुनाव आता है नेता बड़े-बड़े वादे कर वोट लेने पहुंचते है. जीत मिलने के साथ ही जनता की समस्या को भूल जाते है. आजादी के वर्षों बाद कई गांव विकास से आज भी कोसो दूर है. कई गांवों में विकास की किरण नहीं दिखाई देने से वे वोट वहिष्कार करने पर मजबूर हो रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे नेता को जीताने से क्या फायदा जो क्षेत्र में विकास ही नहीं करते है केबल अपना तिजोरी भरने में लगे रहते हैं. जिस विधायक को विधायकी के पहले लाख रुपये थे आज वे करोड़ों के मालिक हैं जनता कंगाल के कंगाल है.

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