अभी बिजली संकट से नहीं मिलेगी राहत, मेंटेनेंस का कार्य जारी
अभी बिजली संकट से नहीं मिलेगी राहत, मेंटेनेंस का कार्य जारी प्रतिनिधि, बांका सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में फुल लोड बिजली मिल रही है, लेकिन लोकल फॉल्ट के कारण उपभोक्ता परेशान हैं. इस बाबत बिजली उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस बात को लेकर लोग बराबर बिजली के अधिकारी से पूछते हैं और अधिकारी […]
अभी बिजली संकट से नहीं मिलेगी राहत, मेंटेनेंस का कार्य जारी प्रतिनिधि, बांका सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में फुल लोड बिजली मिल रही है, लेकिन लोकल फॉल्ट के कारण उपभोक्ता परेशान हैं. इस बाबत बिजली उपभोक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस बात को लेकर लोग बराबर बिजली के अधिकारी से पूछते हैं और अधिकारी मेंटेनेंस का हवाला देते हैं अब स्थिति ठीक हो जायेगी. दूसरे ओर पिछले 15 दिनों से गंभीर बिजली संकट से जूझ रहे लोगों को शनिवार को थोड़ी राहत मिली, तीन चार घंटे बिजली मिली. मेंटेनेंस कार्य को लेकर फीडर में दो घंटे पर एक घंटे के रोटेशन के आधार पर शहर सहित ग्रामीण फीडर में बिजली की आपूर्ति की जा रही है. क्यों हो रही दिक्कत बता दें कि बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए गत वर्ष बिजली को निजी हाथों में सौंपा गया है. फ्रेंचाइजी कंपनी को यह जवाब दे दी गयी है. कंपनी को यहां काम करते हुए करीब साल बीत चुके हैं, पर अभी तक सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के जर्जर तारों की स्थिति भी नहीं बदली जा सकी है. फ्रेंचाइजी कंपनी इतने दिन के बाद भी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को निर्बाध आपूर्ति के लायक तैयार नहीं कर सकी है. जिस कारण यहां हमेशा तार टूटने से घंटों बिजली बंद रहती है. लोगों का कहना है कि अभी यह हालत है तो जब तेज हवा चलेगी तो क्या होगा. बिजली को लेकर कंपनी ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की, पर कुछ भी सरजर्मी पर नहीं उतरा. सबसे सामान्य काम बिजली के जर्जर तारों की भी मरम्मत नहीं हुई. मरम्मत के नाम पर बिजली काटी जाती रही, पर रिजल्ट उत्साह बढ़ाने वाला नहीं रहा. सुदूर क्षेत्रों में पिछले एक सप्ताह पूर्व से बिजली संकट झेल रहे लोगों को शनिवार को बिजली मिलने पर थोड़ी राहत हुई, बिजली का लोड कम हो गया. इस कारण इलाके में गरमी और पानी संकट से लोग परेशान रहे. कहते हैं कनीय अभियंता इस संबंध में कनीय अभियंता सुभाष कुमार ने बताया कि आवश्यकता 30 मेगावाट की है तो मिलती है 20. इसमें भी मेंटेनेंस कराया जा रहा है. इस कारण दिक्कत हो रही है.