600 की संख्या लेकिन एक भी शौचालय नहीं, दिन के वक्त महिलाओं को होती है परेशानी, प्रशासन बेखबर

600 की संख्या लेकिन एक भी शौचालय नहीं, दिन के वक्त महिलाओं को होती है परेशानी, प्रशासन बेखबर फोटो : 18 बांका 17 : गांव का अधूरा पड़ा शौचालयप्रधानमंत्री ने सत्ता संभालने के बाद से ही स्वच्छता को लेकर ही लोगों को जागरूक करना आरंभ किया. वह वर्ष 2014 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 9:19 PM

600 की संख्या लेकिन एक भी शौचालय नहीं, दिन के वक्त महिलाओं को होती है परेशानी, प्रशासन बेखबर फोटो : 18 बांका 17 : गांव का अधूरा पड़ा शौचालयप्रधानमंत्री ने सत्ता संभालने के बाद से ही स्वच्छता को लेकर ही लोगों को जागरूक करना आरंभ किया. वह वर्ष 2014 के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से ही लोगों को जागरूक करते हुए 2022 तक भारत वर्ष के सभी गांवों के प्रत्येक घरों में शौचालय निर्माण की घोषणा की है. प्रधानमंत्री श्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री तक स्वच्छता अभियान पर जोर दिये है लेकिन बांका नगर पंचायत के वार्ड नंबर 1 के पथरा गांव में सिर्फ एक ही शौचालय है. वह भी अधूरी है. बांका. संपूर्ण स्वच्छता अभियान को धत्ता बताते हुए नगर पंचायत वार्ड नंबर 1 के पथरा में अब तक एक भी शौचालय कारगर नहीं है. जबकि यहां की आबादी करीब 6 सौ के आस पास होगी. इस गांव में महादलित के करीब सौ परिवार रहते है लेकिन उन लोगों के घरों में अब तक शौचालय नहीं बना है. इस गांव के मुसहरी टोला के महिला, पुरुष, बच्चे सहित अन्य अब भी पास के चांदन नदी शौचालय के लिए जाते है. गांव के सुदिन मांझी, मक्कर मांझी, भागीरथ मांझी, लुथर मांझी, लालो देवी, रेखा देवी आदि ने बताया कि इस गांव में अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. एक शौचालय का निर्माण हो भी रहा था लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि यहां पर एक सेविका के द्वारा शौचालय निर्माण के लिए कदम उठायी थी लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ. क्या कहते है ग्रामीणग्रामीण रेखा देवी, चांदो मांझी, शंकर मांझी, किशोर मांझी, लुलखी देवी, रीता देवी, कोकन मांझी ने बताया कि अब तक इस गांव में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. यहां के लोग अब भी चांदन नदी की ओर जाते है. सबसे खास बात यह है कि दिन के वक्त में अगर किसी महिला को शौचालय जाना होता है तो उसको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चांदन नदी के तट पर बालू उठाव को लेकर दिन भर मजदूर रहते है वैसे में महिलाओं को शौच करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. क्या कहते है अधिकारी : यह जिम्मेवारी नगर पंचायत की है. हमारे पास शौचालय निर्माण को लेकर फाइल आयेगी तो निर्माण कराया जायेगामनोज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, पीएचइडी, बांका

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