शहर से गांवों में पहुंच रहा है जाली नोट, लोग परेशान

शहर से गांवों में पहुंच रहा है जाली नोट, लोग परेशानलोगों की मेहनत पर लग रहा है चूना – बालू घाटों व मवेशी हाटों में ज्यादा होती है सप्लाईबांग्लादेश बॉर्डर के मालदा में होती है नकली नोटों की छपाईकटिहार, भागलपुर व पूर्णिया में भी फैला है रैकेटप्रदीप कुमार, धोरैयारमेश को अचानक कुछ रुपये की जरुरत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2015 8:31 PM

शहर से गांवों में पहुंच रहा है जाली नोट, लोग परेशानलोगों की मेहनत पर लग रहा है चूना – बालू घाटों व मवेशी हाटों में ज्यादा होती है सप्लाईबांग्लादेश बॉर्डर के मालदा में होती है नकली नोटों की छपाईकटिहार, भागलपुर व पूर्णिया में भी फैला है रैकेटप्रदीप कुमार, धोरैयारमेश को अचानक कुछ रुपये की जरुरत पड़ी़ वह घर से अनाज लेकर व्यापारी के पास पहुंचा,

तो उसे व्यापारी ने हजार व पांच सौ का नोट दिया़ बड़ा नोट देखते ही रमेश को मानो करंट लग गया़ बोला भोला बाबू समय बहुत खराब छै, बड़ो नोट नैय दहअ़ उसने बड़े नोट के बदले छोटे नोट लिये़ कमोबेश यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों में किसान ही नहीं व्यापारी दुकानदारों आदि के भी हैं.

सीधे-सादे अनपढ़ किसानों के बीच नकली नोटों का प्रचलन जिले के धोरैया थाना सहित आसपास के धनकुंड, पंजवारा, बौंसी आदि क्षेत्रों में खासकर मवेशी हाटों में धड़ल्ले से बदस्तूर जारी है़ सूत्र बताते हैं कि बालू घाटों में भी जाली नोटों का प्रचलन जारी है़ बंगाल के मालदा से फिरोज की गिरफ्तारी से हुआ था खुलासावर्ष 2008 में गुप्त सूचना के आधार पर बांका के तत्कालीन एसडीपीओ वरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में धोरैया पुलिस ने बंगाल के मालदा जिले के तारबेडा निवासी मो़ फिरोज को गिरफ्तार किया था़

पुलिस के समक्ष मो फिरोज ने कहा था कि बंग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित मालदा में जाली नोटों की छपाई होती है़ यह काम वर्षों से जारी है़ बिहार के कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर सहित झारखंड व अन्य राज्यों में इन माफियाओं का रैकेट फैला हुआ है़एक नजर में नहीं पहचान पाते नकली व असली में इतनी समानता है कि आमलोगों के साथ साथ बैंक कर्मी भी एक नजर में चकरा जाते हैं.

धोरैया के रास्ते कई जाली नोटों के साथ तस्करों की गिरफ्तारी एवं बयान के आधार पर बांका के तत्कालीन पुलिस कप्तान जितेन्द्र राणा ने भी कहा था कि जाली नोटों की खपत खासकर मवेशी हाटों में की जा रही है़ जाली नोटों के सौदागर इतने शातिर दिमाग होते हैं कि उन्हें यह परख है कि जाली नोट किसे देंगे.

जब किसान अपने पशु व अनाज को बेचकर उस नोट को किसी दुकानदार को देते हैं तो उन्हें जाली नोट बताकर वापस कर दिया जाता है़ किसान अपने आप को ठगा महसूस कर अपने भाग्य को कोसते रह जाते हैं. बैंकों में भी आये दिन सही नोटों के बीच जाली नोट जमा करने ग्राहक आते हैं. जिसे जाली बता कर वापस कर दिया जाता है़ बारीकी से देखने में लगता है समयभारतीय स्टेट बैंक की बटसार,

यूको बैंक व ग्रामीण बैंक की धोरैया शाखा में रुपये जमा करने गये ग्राहकों के बड़े रुपये बारीकी से देखने के कारण काफी समय लग जाता है़ बैंक कर्मियों ने बताया कि इस प्रकार के नोट की जांच करने में दस मिनट से अधिक का समय लग जाता है़ पता नहीं कब गलती हो जाये और पॉकेट से रुपैया जमा करना पड़े. बैंक में जब ग्राहक एक हजार व पांच सौ के कुछ नोट जमा किये तो बैंक कर्मी ने फार्म के पीछे पूरा पता व मोबाइल नंबर लिखवा लिया़ पूछने पर बताया कि बाद में कोई झमेला होगा तो संपर्क करुंगा़ प्राय:

हरेक बैंक का यही हाल है़ बहरहाल जाली नोटों के माफिये बदस्तूर सक्रिय हैं. उनके गिरहबान तक पुलिस अब तक नहीं पहुंच पायी है़कहते हैं शाखा प्रबंधकयूको बैंक की धोरैया शाखा प्रबंधक देवेश कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंक में लगे अल्ट्रावॉयलेट लैंप की मदद से जाली नोटों की जांच की जाती है़

इसके लिए बैंक कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है़क्या कहते हैं थानाध्यक्षधोरैया थानाध्यक्ष शोएब आलम ने बताया कि उन्हें इसकी सूचना नहीं है़ सूचना मिलने पर कार्रवाई की जायेगी़धोरैया व धनकुंड में पांच जगहों पर हुआ पहलामधोरैया. प्रखंड के पांच जगहों पर रविवार को मुहर्रम का पहलाम शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो गया़ धोरैया के महिला, बसतपुर, धोपसंडा, पिपरा व धनकुंड के बलियास में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहलाम संपन्न हुआ़ बीडीओ गुरुदेव प्रसाद गुप्ता व थानाध्यक्ष शोएब आलम दलबल के साथ पहलाम स्थल पर कैंप करते देखे गये़

Next Article

Exit mobile version