धोरैया के दस गांव के लोगों ने पांच साल से नहीं देखा थाना का मुंह

धोरैया के दस गांव के लोगों ने पांच साल से नहीं देखा थाना का मुंहआपस में ही पंचायती कर निबटा लेते हैं मामलापिछले पांच साल से थाना या न्यायालय नहीं गये ग्रामीणघर की बात घर में ही रहने देने पर है विश्वासप्रदीप कुमार, धोरैयादेश का हर न्यायालय और पुलिस डिपार्टमेंट आज मुकदमों की बोझ से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 9:48 PM

धोरैया के दस गांव के लोगों ने पांच साल से नहीं देखा थाना का मुंहआपस में ही पंचायती कर निबटा लेते हैं मामलापिछले पांच साल से थाना या न्यायालय नहीं गये ग्रामीणघर की बात घर में ही रहने देने पर है विश्वासप्रदीप कुमार,

धोरैयादेश का हर न्यायालय और पुलिस डिपार्टमेंट आज मुकदमों की बोझ से इस कदर दबा हुआ है कि इसे कम करने के लिये एक से बढ़ कर एक तरीके हर महीने ईजाद किये जा रहे हैं. बावजूद इसके मुकदमे कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में बांका जिले के धोरैया प्रखंड के दस गांवों के लोग देश भर के लिये उदाहरण हैं कि यहां के लोग किसी भी परिस्थिति में थाने या न्यायालय में शरण नहीं लेते हैं.

यहां के लोग इस बात पर अधिक भरोसा करते हैं कि घर की बात घर में ही सुलझ जाये. ग्रामीणों का कहना है कि आपसी झगड़े या अपराध पंचायती कर ही निबटा लिये जाये, तो उनकी प्रतिष्ठा भी बनी रहती है. बेवजह न्यायालय या थाने की जी हूजुरी की भी नौबत नहीं आयेगी़सरपंचों पर बढ़ा भरोसासरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष भोला साह, बसबिट्टा के सरपंच राकेश कुमार सिंह, घसिया के सरपंच पति मो रुस्तम आदि ने बताया कि हमलोग आपस में बैठ कर सभी मामलों का निष्पादन गांव में ही करते हैं.

हालांकि समाज के बुद्धिजीवियों की अगुवाई में चलाये गये जागरूकता कार्यक्रम के बाद लोगों में पंचायती कानून पर भरोसा जगा़ करीब पांच सालों से इन गांव वालों ने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो हम थाने नहीं जायेंगे़ऐसी थी पूर्व की स्थितिआंकड़ों के मुताबिक थाना क्षेत्र में वर्ष 2009 में कुल 155, वर्ष 10 में 120, वर्ष 11 में 122, वर्ष 12 में 207 वर्ष 13 में 211 तथा वर्ष 14 में 239 मामले दर्ज हुए़कोई बड़ी घटना न होसरपंच संघ के अध्यक्ष भोला साह ने कहा कि हमलोग प्रयास करते हैं

कि क्षेत्र में शांति बनी रहे़ इस बात से सशंकित भी रहते हैं कि कोई बड़ी घटना ना घट जाये कि मामला थाना व न्यायालय पहुंच जाये.नहीं हुआ है मुकदमा दर्जपिछले पांच सालों में धोरैया थाने में दर्ज मुकदमों पर नजर डालें तो थाना क्षेत्र के जगता, जसमतपुर, बसताटीटी, सिंहपुर, कसबा, भगलपुरा, मकेशर, धोबिया, जगनकित्ता व कुरथीटीकर गांवों के एक भी मामले इनमें नहीं मिलेंगे़ गौरतलब है कि थाना क्षेत्र में कुल 222 गांव हैं. इनमें उक्त दस गांवों का अन्य गांवों के लोगों के पास धोरैया के थानेदार शोएब आलम भी उदाहरण पेश करते हैं.पेश की मिसालइन दस गांवों से पिछले पांच साल में एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं. यह दूसरे गांवों के लिए भी मिसाल है. जबकि अन्य गांवों से रोज एक-दो छोटे-बड़े मामले आ ही जाते हैं. शोएब आलम, थानाध्यक्ष, धोरैया, बांका

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