रहनुमा की बाट जोह रहा बांका बस स्टैंड

बांका :जिला मुख्यालय में तीन सरकारी बस पड़ाव हैं. भागलपुर पुरानी बस स्टैंड जहां से भागलपुर के लिए गाड़ी खुलती है. दूसरी कटोरिया बस स्टैंड जहां से कटोरिया व देवघर व बेलहर, संग्रामपुर के लिए गाड़ी जाती है. तीसरा अमपुर बस स्टैंड जो अमरपुर की तरफ जाने वाली गाड़ी लगी रहती है. इसमें से एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2015 10:29 PM

बांका :जिला मुख्यालय में तीन सरकारी बस पड़ाव हैं. भागलपुर पुरानी बस स्टैंड जहां से भागलपुर के लिए गाड़ी खुलती है. दूसरी कटोरिया बस स्टैंड जहां से कटोरिया व देवघर व बेलहर, संग्रामपुर के लिए गाड़ी जाती है. तीसरा अमपुर बस स्टैंड जो अमरपुर की तरफ जाने वाली गाड़ी लगी रहती है. इसमें से एक की भी स्थिति अच्छी नहीं है.

गंदगी से पूरा बस पड़ाव पटा है. वहीं आसपास के लोगों द्वारा इन बस पड़ावों का उपयोग गाय व सूअर के चारागाह के रूप में कर रहे हैं. साथ ही तीनों बस पड़ाव मूलभूत सुविधा से दूर हैं. बस पड़ाव का मतलब सिर्फ गाड़ी के लग जाने या किसी जगह के लिए गाड़ी मिल जाना नहीं है. बल्कि आवाजाही के क्रम में यात्रियों को कुछ सुविधा जैसे शौचालय, पेयजल, विराम की जगह से भी ताल्लुकात रखता है. लेकिन ये सारी सुविधा जिला मुख्यालय स्थित बस पड़ाव में नहीं है.

इसकी सख्त जरूरत यहां है. फिलहाल ये सभी बस पड़ाव एक रहनुमा की बाट जो रहा है. मालूम हो चुनाव से पहले तत्कालीन परिवहन मंत्री रमई राम बांका आगमन के दौरान एक प्रेस वार्ता में बड़ी जोर देकर कह गये थे कि बिहार का हरेक बस पड़ाव हाइटेक करना है. ऐसे में मंत्री जी का यह बयान हवा हवाई हो गया. अब सवाल बनता है कि आखिर कब तक जिले का बस पड़ाव उपेक्षा का शिकार बना रहेगा. या फिर इसकी बदहाली के लिए कौन जिम्मेवार है एक सवाल तो यहां बनता है.

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