समाज में शांति नहीं तो समृद्धि की बात बेमानी

कटिहार. समाज में यदि शांति नहीं है तो समृद्धि की बात करनी बेमानी होगी. सकारात्मक सोच के बल पर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. उक्त बातें डीएस कॉलेज के बीसीए छात्र-छात्रओं को लोक अदालत के महत्व को समझाने के क्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीएन पांडेय ने कही. उन्होंने अभिभावकों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2013 1:31 AM

कटिहार. समाज में यदि शांति नहीं है तो समृद्धि की बात करनी बेमानी होगी. सकारात्मक सोच के बल पर ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. उक्त बातें डीएस कॉलेज के बीसीए छात्र-छात्रओं को लोक अदालत के महत्व को समझाने के क्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीएन पांडेय ने कही. उन्होंने अभिभावकों की गलती के कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित ना हो इस पर बल दिया. मुकदमा के कारण प्रतिभावान छात्र-छात्रओं का भविष्य गर्त में चला जाता है. छोटी-मोटी बात के लिए अभिभावक न लड़े यह समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लड़ाई होने पर लोग परिवार के सभी सदस्यों को मुकदमा में पक्षकार बना देते हैं. यदि प्रतिभावान छात्र अभियुक्त बन जाते हैं तो मुकदमा का अंतिम फैसला आने और बरी होने तक भविष्य पर प्रश्नचिह्न् लगा रहेगा. उन्होंने छात्रों को पास-पड़ोस के माहौल को शांति मय और सुंदर बनाने में अपनी भूमिका का निर्वाहन करने की सलाह दी. समाज निर्माण में छात्रों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की. 23 नवंबर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की चर्चा करते हुए जिला न्यायाधीश श्री पांडेय ने बताया कि कटिहार में 25 हजार मुकदमा निबटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बिजली नगर-निगम, इंदिरा आवास, दाखिल-खारिज, सिविल और आपराधिक मुकदमे का निबटारा किया जायेगा. उन्होंने बताया कि आर्थिक और समय की बरबादी को रोकने के लिए लोक अदालत दोनों पक्षकार की सहमति से मध्यस्थता करता है. साधन के अभाव में कोई व्यक्ति न्याय से वंचित ना हो जाय, इसका प्रयास किया जाता है. उन्होंने छात्र-छात्रओं को बताया कि प्रबुद्ध नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है कि लड़ने से कोई फायदा नहीं है. जीवन के वास्तविक मूल्य को समझने की जरूरत है. अभिभावकों से बच्चों को अच्छी प्रेरणा देने की जरूरत पर बल दिया. गीता को उदृत करते हुए कहा कि व्यक्ति कुछ लेकर आता और जाता नहीं है. बल्कि व्यक्तित्व और कर्मो को छोड़कर जाता है. अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ पवन कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर अवर न्यायाधीश राज कुमार, डॉ एसएन मंडल, डॉ एनएन झा, डॉ एसएन यादव, डॉ सीबीएस दास, प्रो. एसके उपाध्याय, रणजीत कुमार झा, अमर प्रताप सिंह, प्रदीप कुमार, अनिल यादव आदि उपस्थित थे. संचालन अधिवक्ता जगदीश प्रसाद साह ने किया.

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