पुराना अस्पताल परिसर बना शराबियों का अड्डा
बांका : पुराना अस्पताल परिसर शराबियों और जुआड़ियों का अड्डा बन गया है. शाम होते ही यहां पर शराबी और जुआड़ी अपना आशियाना बना लेते हैं. अस्पताल परिसर में पड़ी यह शराब की बोतलें हकीकत बयां करती हैं.फेंकी बोतलों के बीच से गुजरती हैं महिलाएंशहर के मुख्य चौराहे गांधी चौक पर स्थित है पुराना अस्पताल […]
बांका : पुराना अस्पताल परिसर शराबियों और जुआड़ियों का अड्डा बन गया है. शाम होते ही यहां पर शराबी और जुआड़ी अपना आशियाना बना लेते हैं. अस्पताल परिसर में पड़ी यह शराब की बोतलें हकीकत बयां करती हैं.फेंकी बोतलों के बीच से गुजरती हैं महिलाएंशहर के मुख्य चौराहे गांधी चौक पर स्थित है पुराना अस्पताल परिसर.
इसके पूर्व में एसपी आवास, पश्चिम में बांका जेल सहित टाउन थाना, उत्तर में मुहल्ला व दक्षिण में गर्ल्स स्कूल है. इस मार्ग से रोजाना अधिकारी गुजरते हैं. अस्पताल परिसर से होकर स्कूल कॉलेज जाने वाली बच्ची भी गुजरती है. बाजार करने के लिए महिलाएं भी जाती हैं. और पूरे रास्ते में जहां तहां शराब की बोतल फेंकी हुई हैं.
नहीं है गेट, पास ही है शराब दुकानजिला बनने के वर्षों पूर्व से यहां अस्पताल चलता था. जिला बनने के बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल का निर्माण किया गया. तब से यह परिसर वीरान हो गया है. हालांकि यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यालय चलते हैं. लेकिन जब यह कार्यालय बंद हो जाता है, तब यहां पर बोतल खुलने लगती है.
अस्पताल परिसर के पूर्वी गेट के सामने ही शराब की दुकान है, गांधी चौक पर अंडा, भूजा सहित अन्य सामान बिकता है. शराबियों को पास से ही शराब व चखना उपलब्ध हो जाता है. खास कर पुराने परिसर में गेट नहीं रहने की वजह से शराबी आसानी से वहां पहुंच जाते हैं.नहीं रहता है पुलिस का डर इस परिसर में कभी भी पुलिस का डर नहीं रहता है.
पुलिस कभी भी इस परिसर में नहीं जाती है. इस करण शराबियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. यहां आसपास के होटल व दुकानों की गंदगी भी फेंकी जाती है. लघुशंका को लेकर भी लोग अस्पताल परिसर का उपयोग करते हैं.
ये कार्यालय हैं पुराने अस्पताल परिसर में पुराने अस्पताल परिसर में डब्लू एच ओ, कुष्ठ उनमुलन, यक्ष्मा विभाग, सहायक शल्य चिकित्सक, खाद्य निरीक्षक का कार्यालय चलता है. कहते हैं सीएस हमने अभी अभी योगदान दिया है. आपके द्वारा जानकारी दी गयी है. इस पर कदम उठाये जायेंगे. सुधीर कुमार महतो, सीएस, बांका