छठ घाटों की हालत बदतर, कैसे अर्घ्य देंगे छठव्रती

कटोरिया : भगवान भाष्कर की उपासना और लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी यूं तो गांव से लेकर बाजार स्तर तक शुरू हो चुकी है़ लेकिन कटोरिया प्रखंड के अधिकांश छठ घाटों की हालत काफी बदतर है़ छठ पूजा को लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्यदान हेतु व्रती एवं श्रद्घालु भारी संख्या में नदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2015 8:25 PM

कटोरिया : भगवान भाष्कर की उपासना और लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी यूं तो गांव से लेकर बाजार स्तर तक शुरू हो चुकी है़ लेकिन कटोरिया प्रखंड के अधिकांश छठ घाटों की हालत काफी बदतर है़ छठ पूजा को लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्यदान हेतु व्रती एवं श्रद्घालु भारी संख्या में नदी एवं तालाबों के घाटों पर पहुंचते हैं.

लेकिन फिलवक्त सभी घाटों की स्थिति काफी बदहाल है़ घाटों के साथ-साथ वहां पहुंचने वाले रास्ते में भी गंदगी फैली हुई है़ इस बार भी प्रशासनिक स्तर पर उदासीनता बरती जा रही है़ अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने छठ घाटों का जायजा नहीं लिया है़ जिससे स्थानीय लोगों में काफी असंतोष भी है़ कटोरिया बाजार के थाना रोड में स्थित बडका बांध घाट पर गंद्गी का आलम है़ यहां अभी तक घाटों को दुरुस्त करने एवं साफ-सफाई की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है़ जबकि इस घाट पर हजारों की संख्या में छठव्रती एवं उनके परिजन अर्घ्य देने डाला लेकर पहुंचते हैं.

बाजार के देवघर रोड स्थित दरभाषण नदी घाट की हालत भी काफी बदतर है़ कटोरिया-देवघर मुख्य पक्की मार्ग से लेकर दरभाषण नदी घाट की दूरी करीब दो सौ मीटर है़ ढालुनुमा इस रास्ते में कंकडीले पत्थर फैले हुए हैं. जिससे नंगे पांव घाट पहुंचने वाले व्रती व श्रद्धालुओं को काफी कठिनाई होगी़ रास्ते में मिट्टी व बालू भर कर दुरूस्त करने की जरूरत है़

नदी के घाट में बालू की जगह सिर्फ मिट्टी ही दिखाई दे रही है़ बालू माफियाओं के कारण नदी बालू विहीन होने के करीब है़ नदी में बह रहे जलस्त्रोत में भी गंद्गी का आलम है़ घाट के साथ-साथ नदी की सफाई की भी जरूरत है़ कटोरिया बाजार के दोनों मुख्य छठ घाट बडका बांध और दरभाषण नदी घाट तक पहुंचने के रास्ते में रोशनी का प्रबंध करने की भी आवश्कता है़ रशासनिक उदासीनता के कारण प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी स्थानीय युवाओं को ही कमान संभालने की जरूरत दिखाई पड रही है़

चार दिवसीय महापर्व का शुभारंभ कल सेकटोरिया. लोक आस्था, मनौतियों एवं चतुर्दिवसीय अनुष्ठान वाले छठ महापर्व का शुभारंभ 15 नवंबर रविवार को नहाय-खाय से होगा़ पहले दिन के अनुष्ठान को कद्दू भात से भी जाना जाता है़ इसके अगले दिन यानि सोमवार को छठव्रती खरना करेंगी़ इसमें मिट्टी के चूल्हे पर चावल, दूध एवं ईख के रस से प्रसाद तैयार किया जाता है़

इसके बाद 17 नवंबर को छठव्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा़ जबकि छठ महापर्व अनुष्ठान के अंतिम दिन 18 नवंबर को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर सुख, समृद्घि एवं आरोग्यता की कामना की जायेगी़ उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही सभी व्रती अपने व्रत का पारण भी करेंगी़ छठ गीतों से भक्तिमय हुआ माहौलमहापर्व छठ का शुभारंभ 15 नवंबर से होगा़

लेकिन गांव से लेकर बाजार तक जगह-जगह लाउडस्पीकर, डीजे, सीडी एवं मोबाइल पर बजाये जा रहे छठ गीतों से समूचा माहौल भक्तिमय हो गया है़ दीपोत्सव संपन्न होने के बाद बाजार में भीअब छठ के दौरान प्रयोग की जाने वाली पूजन सामग्रियों की दुकानें सजने लगी हैं. डलिया, सूप, पूजन सामग्री, गुड, नारियल, फल आदि की अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं.

कटोरिया बाजार के अलावा सूइया, तेतरिया, राधानगर, भैरोगंज, करझौंसा, जमदाहा, जयपुर आदि बाजारों में छठ पर्व को लेकर चहल-पहल बढ़ने लगी है़ -छठ महापर्व के कार्यक्रम15 नवंबर रविवार नहाय-खाय16 नवंबर सोमवार खरना17 नवंबर मंगलवार अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य18 नवंबर बुधवार उदयीमान सूर्य को अर्घ्य

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