अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट पर कहीं लग न जाय ग्रहण

बांका : जिले में तीन तीन पावर प्लांट के निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण की गयी. इसमें से सीरिया पावर प्लांट और अभिजीत पावर प्लांट के काम में कुछ ठहराव आ गया है. या कहें कि सीरिया पावर प्लांट तो पूरी तरह से बंद हो चुका है और अभिजीत का काम धीमा हो गया है. अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 10:04 PM

बांका : जिले में तीन तीन पावर प्लांट के निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण की गयी. इसमें से सीरिया पावर प्लांट और अभिजीत पावर प्लांट के काम में कुछ ठहराव आ गया है. या कहें कि सीरिया पावर प्लांट तो पूरी तरह से बंद हो चुका है और अभिजीत का काम धीमा हो गया है. अब अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट पर लोगों की निगाहें टिकी हैं.

इसका काम न हुआ, तो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर जायेगा.गंगा जल बोर्ड ने भी दी स्वीकृति जिला मुख्यालय से करीब 10 किलो मीटर की दूरी पर स्थित ककबारा से प्रभावती नगर करझौसा के बीच बनने वाले 4000 मेगा वाट के अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट बनाया जाना है. इस प्लांट के निर्माण के लिए 2500 एकड़ जमीन की आवश्यकता है.

इसमें 1000 करोड़ बांका प्रखंड व 15 एकड़ कटोरिया प्रखंड में भूमि की आवश्यकता है. कटोरिया प्रखंड में भूमि की उपलब्धता तो है लेकिन बांका प्रखंड में थोड़ा संशय है. इस पावर प्रोजेक्ट के लिए गंगा से पानी लेना है. गंगा जल बोर्ड द्वारा भी करीब करीब इसकी स्वीकृति मिल गयी है. इस पावर प्लांट के लिए भारत सरकार के विद्युत विभाग ने अल्ट्रा पावर प्लांट के लिए बिहार में एक बांका, मध्य प्रदेश में एक तथा झारखंड में दो की स्वीकृति दी थी.

जनवरी 2014 में ही भारत सरकार ने इसके निर्माण की स्वीकृति दी थी. जिसके बाद अगस्त 2014 में ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्य क्षेत्र का मुआयना किया गया. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अल्ट्रा पावर प्लांट के लिए 20, 000 करोड़ रुपये भी देने की घोषणा की थी. क्यों है ग्रहण की आशंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव के ऐन पहले बिहार में विशेष पैकेज की घोषणा की थी. जिसमें 20, 000 करोड़ रुपया बांका के अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट के लिए भी था.

अब बिहार में महागंठबंधन की सरकार बन गयी है. ऐसे में केंद्र सरकार घोषित विशेष पैकेज के तहत अल्ट्रा पावर प्लांट के लिए राशि मुहैया करायेगी या नहीं, यह संशय है. बिहार को मिलेगी 50 फीसदी बिजलीनियम के अनुसार निर्माण का 50 प्रतिशत बिजली बिहार को मिलेगी. यानी करीब 2000 मेगा वार्ड विद्युत बिहार को मिलेगी.

भारत सरकार ने स्वीकृति के पूर्व यह घोषणा की थी कि इसका निर्माण कार्य 2019-20 तक पूरा हो जायेगा. इस पावर प्लांट के लिए गंगा से 120 क्यूसेक पानी व कोयले की आवश्यकता है.

पानी गंगा से आना है. जबकि कोयला रेल मार्ग द्वारा झारखंड से आयेगा. कहते हैं भाजपा जिलाध्यक्ष अगर बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण कर देती है, तो समय पर पावर प्लांट निर्माण हो पायेगा. अनिल सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा, बांकाकहते हैं विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास पुरुष हैं. वह इस प्लांट के लिए पूरी राशि समय पर मुहैया करा देंगे. राम नारायण मंडल, भाजपा के वरीय नेता व विधायक, बांका कहते हैं सांसद निर्माण कार्य को हर हाल में पूरा कराना उनका फर्ज है.

अभी भी तीन चिट्ठी लिखी है. बिहार सरकार ने 2012 में ही जमीन का चुनाव कर भेज दिया था. हर हाल में समय पर निर्माण कार्य पूरा होगा. जय प्रकाश यादव, राजद के वरीय नेता सह सांसद, बांका कहते हैं जिलाधिकारी दो कंपनी को निर्माण कराना था. बिहार सरकार द्वारा दो कंपनी का नाम केंद्र सरकार को भेजा गया है. अब केंद्र सरकार इस पर फैसला लेगी. डॉ निलेश देवरे, जिलाधिकारी, बांका

Next Article

Exit mobile version