मुफ्त में रेलकर्मी करवाते हैं मजदूरी, नहीं मिला कुली का दर्जा
मुफ्त में रेलकर्मी करवाते हैं मजदूरी, नहीं मिला कुली का दर्जा फोटो: 2 बांका 9 से 12 : कुली की तस्वीर बांका: बांका रेलवे स्टेशन पर करीब आधे दर्जन लोग वर्षों से रेलकर्मी की मजदूरी मुफ्त में कर रहे हैं. रेलवे स्टेशन के स्थापना काल वर्ष 2006 से ही स्थानीय लोग यात्रियों के समान को […]
मुफ्त में रेलकर्मी करवाते हैं मजदूरी, नहीं मिला कुली का दर्जा फोटो: 2 बांका 9 से 12 : कुली की तस्वीर बांका: बांका रेलवे स्टेशन पर करीब आधे दर्जन लोग वर्षों से रेलकर्मी की मजदूरी मुफ्त में कर रहे हैं. रेलवे स्टेशन के स्थापना काल वर्ष 2006 से ही स्थानीय लोग यात्रियों के समान को ढोते आ रहे हैं. इसके बदले यात्रियों से उन्हें कुछ मजदूरी तो मिल जाती है पर अब तक कुली का दर्जा नहीं मिल पाया है. इस संबंध में लोगों ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का बोझ उठाने से उसे करीब दस से सौ रुपये तक की मजदूरी प्रतिदिन मिल जाती है. इसके बदले में यहां नियुक्त रेलकर्मी के निर्देश पर 60-70 किलो भारी गार्ड बक्सा बिना मजदूरी के प्रतिदिन ढोना पड़ता है. अपनी बेबसी बयां करते हुए अलीगंज बांका निवासी बाबूलाल यादव कहते हैं कि रेलवे सेवा प्रारंभ होने के काल में स्टेशन मैनेजर डीके सिंह ने कुली में नियुक्ति की बात कही थी तब से ही यात्रियों की सेवा में करीब छह लोग लगे हुए हैं. मेहरपुर गांव के नीरो यादव का कहना है कि रेलकर्मी ने उन्हें केवल झूठा आश्वासन देने का काम किया है उनके लिए कोई सार्थक पहल नहीं की है. रामपुर गांव के कुलदीप सिंह ने कहा कि जब स्टेशन बना था, तब यहां खाने पीने की सामग्री नहीं बिकती थी. पर अब यहां रेलवे द्वारा अधिकृत काउंटर बना दी गयी है. जब रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकृत काउंटर का निर्माण करवा सकती है तो क्या यात्रियों का लगेज उठवाने के लिए कुली की बहाली नहीं कर सकता है. जगतपुर मुहल्ले के विपिन यादव का कहना है तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के समय में सांसद गिरधारी यादव ने उनके लिए पत्र प्रेषित किया था. बैसा रामपुर गांव के डब्लू साह ने कहा कि डीआरएम कार्यालय मालदा मंडल के एक अधिकारी से मुलाकात कर अपनी अर्जी पेश की थी पर अब तक कोई नतीजा नहीं निकला.