कुष्ठ पीड़ितों के बीच एमसीआर चप्पल वितरित
कटोरिया : रेफरल अस्पताल कटोरिया द्वारा बीस कुष्ठ पीड़ित मरीजों के बीच एमसीआर चप्पल का वितरण किया गया़ कुष्ठ विभाग के अचिकित्सा सहायक अनुरंजन कुमार ने बताया कि कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति को सरकार हरेक प्रकार की चिकित्सा एवं पुर्नवास सेवा प्रदान करने हेतु दृढ़ संकल्पि है़ कुष्ठ पीड़ित बीस ग्रेड-वन एवं ग्रेड-टू रोगियों के बीच […]
कटोरिया : रेफरल अस्पताल कटोरिया द्वारा बीस कुष्ठ पीड़ित मरीजों के बीच एमसीआर चप्पल का वितरण किया गया़ कुष्ठ विभाग के अचिकित्सा सहायक अनुरंजन कुमार ने बताया कि कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति को सरकार हरेक प्रकार की चिकित्सा एवं पुर्नवास सेवा प्रदान करने हेतु दृढ़ संकल्पि है़ कुष्ठ पीड़ित बीस ग्रेड-वन एवं ग्रेड-टू रोगियों के बीच एमसीआर चप्पल का वितरण किया गया है़
जिन्हें तलवा में सूनापन, अंगुल टेढ़ा, जख्म या नि:शक्तता की शिकायत थी़ नवंबर माह में रेफरल अस्पताल से कुल 23 रोगियों को कुष्ठ से मुक्ति हेतु नि:शुल्क दवाईयां दी गयी़ उन्होंने बताया कि कुष्ठ पीड़ितों को नियमित ढंग से दवा खिलाने हेतु आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी विभाग द्वारा किया जाता है़
छह महीना दवा खिलाने पर 600 रुपये एवं बारह महीना दवा खिलाने पर 800 रुपये का भुगतान आशा को किया जाता है़ विभाग द्वारा दवा की पूरी कोर्स खा चुके पीड़ितों की भी निगरानी की जाती है़ कहीं बाद में उन्हें नि:शक्तता या जख्म की समस्या तो नहीं हो रही है़ कुष्ठ पीड़ित होने के लक्षणशरीर पर तंबाई रंग का दाग और उसमें सूनापन के साथ-साथ कानों अथवा चेहरों पर गांठ, हाथ-पैर में झनझनाहट एवं दर्द कुष्ठ के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं.
ऐसे व्यक्तियों को निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क ईलाज के लिए प्रेरित करने की जरूरत है़ सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ पीड़ितों को नि:शुल्क जांच एवं दवाई दी जाती है़ जो दाग बार-बार बनता व बिगड़ता है, वैसे दाग को कुष्ठ रोग नहीं माना जाता है़ माइक्रो बैक्टेरियम लेप्री कीटाणु से कुष्ठ की बीमारी होती है़
यह संक्रामक रोग है़ पीड़ित के खांसने या छींकने से माइक्रो बैक्टेरियम लेप्री कीटाणु निकलता है़ सांस लेने से दूसरा व्यक्ति भी प्रभावित होता है़ इ ससे एक परिवार में कई रोगी भी हो सकते हैं. जिस व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होता है, उसे कुष्ठ रोग होने की संभावना अधिक होती है़